मां के एक डायलॉग ने बेटी को बना दिया अफसर, कुछ ऐसी है शनन की Success Story, पढ़ें यहां

नई दिल्ली: देश में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। महिलाओं हर फील्ड में कमाल कर रही है, जिससे देश में कई महिलाए ऐसी हैं जो नए जेनरेशन के लिए रोल मॉडल बन गई है। वही हर विभाग में महिलाओं की सहभागिता बड़ रही है। आज आप के लिए यहां पर ऐसी  Success Story लाए हैं, जो मां के एक डायलॉग ने बेटी को अफसर बना दिया क्या है ये कहानी आप को बताते हैं।

वही आप को बता दें कि महिलाओं की इसी समानता के अधिकार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नेशनल डिफेंस एकेडमी में महिलाओं के दाखिले भी होने लगते हैं। अब सबसे बड़ी डिफेंस परीक्षा एनडीए एंट्रेंस एग्जाम में लड़कों के साथ ही लड़कियां भी शामिल हो सकती हैं। एक साल पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में  फैसला सुनाया था।

जानिए कौन हैं शनन ढाका

शनन ढाका रोहतक जिले की रहने वाली हैं। साल 2022 में पहली महिला बैच के लिए हुई प्रवेश परीक्षा में शनन ढाका ने टॉप किया है। बता दें कि शनन ढाका (shanan dhaka) की उम्र 19 साल है। शनन रोहतक के एक छोटे से गांव सुंडाना से ताल्लुक रखती हैं। शनन का चयन लेफ्टिनेंट पद पर हुआ है। उनकी इस उपलब्धि पर न केवल उनके परिवार और जिले को बल्कि पूरे देश को गर्व है।

वही शनन ढाका (shanan dhaka)  कहती हैं कि हम तीन बहनों को परिवार में लैंग‍िक भेदभाव के बिना पाला गया। जब हम पूरी फैमिली एक साथ दंगल फिल्म देखने गए तो मैं काफी छोटी थी।

shanan dhaka को ऐसे मिली प्रेरणा

वहां से आकर मम्मी एक फिल्म का एक डायलॉग हमेशा दोहराया करतीं। वो कहतीं, ‘ये बात मेरे समझ में न आई कि गोल्ड तो गोल्ड होता है, छोरा लावे या छोरी’। मां इसे कहते हुए मुस्कुरातीं और हम जोश से भर जाते। मैंने ठान लिया था कि मुझे कुछ ऐसा करके दिखाना है कि मेरी मां मुझ पर और तीन बेटियों की मां होने पर हमेशा गर्व कर सके।

टॉपर शनन ढाका एक सैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। शनन के दादा सेना में सूबेदार चंद्रभान ढाका थे, तो वहीं उनके पति नायब सूबेदार विजय कुमार ढाका हैं। पिता और दादा से प्रेरित होकर ही शनन ढाका ने आर्मी में भर्ती होने का फैसला लिया।

वही शनन ने अपनी शुरुआती 12वीं तक की श‍िक्षा आर्मी पब्ल‍िक स्कूल रुड़की, जयपुर और 12वीं आर्मी पब्लिक स्कूल चंडी मंदिर से की। शनन कहती हैं कि मैं हमेशा से ही एकआर्मी अफसर बनना चाहती थी। मैं बचपन से आर्मी ऑफ‍िसर को देखती थी कि ये लोग कितने प्राइड के साथ जीवन बिताते हैं।

शनन ने ऐसी की तैयारी

शनन  कहती हैं कि मैंने सिलेबस डाउनलोड करके देखा कि कैसे सवाल पूछे जाते हैं। मैंने पिछले साल के पेपर सॉल्व करने शुरू किए। उसमें मुझे पता चला कि अलग अलग वैराइटी के सवाल थे।इसके लिए मैंने अलग अलग किताबों से तैयारी की। बता दें कि शनन ने बिना किसी कोचिंग के दिन में तीन से चार घंटे तक रेगुलर सेल्फ स्टडी से इसकी तैयारी की। उनके 12वीं में 98 पर्सेंट और 10वी में 97।4 पर्सेंट नंबर आए थे।

आप को बता दें कि शनन ढाका ने पहले लिखित परीक्षा पास की, उसके बाद पांच दिन तक चले इंटरव्यू को क्लीयर कर महिला बैच की टॉपर बन गईं। शनन ढाका की ओवरऑल रैंक 10 आई है। वहीं उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट पद पर चयनित किया गया है।

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