Gratuity New Rule : प्राइवेट कर्मचारियों के लिए गुड न्यूज, अब कंपनियों को देनी होगी ज्यादा ग्रेच्युटी

अगर आप अपनी कंपनी को छोड़ने के बाद ग्रैच्युटी पाने के हकदार हैं तो हो सकता है कि आपको आने वाले समय में ज्यादा ग्रैच्युटी मिले. आने वाले दिनों में कंपनियों को अपने कर्मचारियों को ग्रैच्युटी के रूप में ज्यादा रकम का भुगतान करना पड़ सकता है.

केरल के एक लेबर कमिश्नर ने ग्रैच्युटी कैलकुलेशन को लेकर जो आदेश पारित किया है उस आदेश को आधार माना जाए तो कंपनियों पर ये आदेश भारी पड़ सकता है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल निजी क्षेत्र की एचडीएफसी बैंक के पूर्व एम्पलॉय ने पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट 1972 के तहत क्ंट्रोलिंग अथॉरिटी के पास एक याचिका लगाई थी. इस एम्पॉलय का नाम है पी वी उन्नीकृष्णण पिल्लई जिन्होंने 2022 में नौकरी छोड़ने से पहले 16 सालों तक बैंक में नौकरी करते रहे थे. एचडीएफसी बैंक ने जो उन्हें ग्रैच्युटी का भुगतान किया था उसपर उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए उसे अथॉरिटी में चुनौती दी.

8 जून 2022 को याचिका दायर करते हुए उन्होंने अपनी दलील में कहा कि बैंक को केवल बेसिक पे पर नहीं पर साथ में पर्सनल पे को साथ जोड़कर ग्रैच्युटी का भुगतान करना चाहिए. पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट 1972 का पालन करवाने के लिए जिम्मेदार अधिकारी को क्ंट्रोलिंग अथॉरिटी कहा जाता है.

अथॉरिटी का ऐतिहासिक आदेश

पी वी उन्नीकृष्णण पिल्लई के इस दलील को स्वीकार करते हुए क्ंट्रोलिंग अथॉरिटी ने एचडीएफसी बैंक से उन्हें 7.22 लाख रुपये अतिरिक्त रकम के साथ 10 फीसदी साधारण ब्याज का भुगतान भी करने को कहा. ये 5.95 लाख रुपये पूर्व में भुगतान किए गए ग्रैच्युटी के रकम के अतिरिक्त है जो बैंक पहले ही भुगतान कर चुकी थी.

ये आदेश बीते वर्ष जुलाई 2022 में ही आ गया था लेकिन बैंक और याचिकाकर्ता को 20 जनवरी 2023 को अथॉरिटा के इस आदेश के बारे में सूचित किया गया. एर्नाकुलम के अस्सिटेंट लेबर कमिश्नर ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के सैलेरी के संबंध में, एम्पलॉयर ने पर्सनल पे शब्द का इस्तेमाल किया है पर्सनल अलाउंस नहीं. दूसरे सभी सैलेरी के कॉम्पोनेंट को अलाउंस कहा गया है. इसलिए पर्सवल पे के रकम को जोड़कर ग्रैच्युटी का भुगतान करना होगा. पी वी उन्नीकृष्णण पिल्लई ने अपने दलील में कहा कि पर्सनल पे उनके वेतन का हिस्सा है और ये अलाउंस नहीं है.

कैसे कैलकुलेट होता है ग्रैच्युटी

पेमेंट ऑफ ग्रैच्युटी एक्ट के मुताबिक ग्रैच्युटी के रकम को कैलकुलेट करने के लिए बेसिक पे के अलावा महंगाई भत्ता समेत सभी भत्ते को शामिल किया जाता है. हालांकि इसमें बोनस, कमीशन, हाउस रेंट अलाउंस, ओवरटाइम वेज और दूसरा अलाउंस शामिल नहीं होता है.

जानकारों का मानना है कि उच्च अथॉरिटी से भी इस आदेश पर मुहर लग जाती है तो सभी कंपनियों को अपने कर्मचारियों को ज्यादा ग्रैच्युटी का भुगतान करना होगा. बहरहाल एचडीएफसी बैंक इस आदेश को हाईकोर्ट से पहले डिप्टी लेबर कमिश्नर के पास चुनौती देने की तैयारी कर रही है.

किसे मिलता है ग्रैच्युटी का फायदा

अगर कोई कर्मचारी किसी कंपनी में लगाचार पांच सालों तक नौकरी करता है तो वो ग्रैच्युटी पाने का हकदार हो जाता है. नौकरी करने के आखिरी महीने के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़के बाद जितना रकम बनता है उसे व्यक्ति जितने वर्ष नौकरी कोई करता है उससे गुणा कर जितना रकम बनता है उतना ग्रैच्युटी का भुगतान कंपनियों को कर्मचारियों को करना पड़ता है.

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