यहां शादी से पहले लड़कियों को बच्चे पैदा करना जरूरी, नहीं तो शादी नहीं हो पाती

हर समाज की अपनी अलग परंपराएं और रीति-रिवाज होते हैं। आज हम आपको ऐसे ही लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके रीति-रिवाजों के बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इन रीति-रिवाजों पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है।

हाल ही में अक्सर ये बहस देखने को मिलती है कि शादी से पहले लिव इन रिलेशनशिप में रहना चाहिए या नहीं? कई लोगों का तर्क है कि शादी से पहले लिव-इन रिलेशनशिप जैसी चीजें समाज के लिए ठीक नहीं हैं, वहीं कुछ लोग इसका समर्थन करते नजर आते हैं।

हम यहां से एक कदम आगे की बात करेंगे जहां एक लड़की के लिए शादी से पहले बच्चे पैदा करना जरूरी है। वरना उस लड़की की शादी नहीं होती।

आपको जानकर हैरानी होगी कि हम किसी विदेशी जनजाति या आदिवासी समुदाय की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह समुदाय भारत के राजस्थान, पश्चिम बंगाल और गुजरात के क्षेत्रों में निवास करता है।

इस आदिवासी जनजाति को टोटो के नाम से जाना जाता है। यहां शादी से पहले ही लड़कियां अपनी पसंद के लड़के के साथ रहने लगती हैं। इसके बाद वे गर्भवती हो जाती हैं और बच्चों को जन्म देती हैं, जिसके बाद उनकी शादी हो जाती है।

हालांकि यह सब एक खास प्रक्रिया के तहत होता है। इसके लिए हर 2 साल में एक मेले का आयोजन किया जाता है जहां लड़की अपनी पसंद के लड़के को चुनती है और उसके साथ रहने लगती है।

इस रिश्ते के दौरान जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता तब तक दोनों पार्टनर शादी के बारे में सोचते भी नहीं हैं। इसके बाद अगर बच्चा भी हो जाता है तो यह लड़की पर निर्भर करता है कि वह उस लड़के से शादी करेगी या नहीं।

उसे यह तय करने की आजादी है कि बच्चा पैदा होने के बाद भी वह दूसरा लड़का चुन सकती है। समुदाय में बच्चे के जन्म के बाद भी लड़की या लड़के पर शादी के लिए कोई दबाव नहीं डाला जाता।

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