
इस उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले उपभोक्ता अब भी 5G नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और यह संख्या लाखों में है।दूरसंचार विभाग डॉट ने हाल ही में भारती एयरटेल, Reliance Jio और वोडाफोन कंपनियों को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि उन्हें भारतीय हवाईअड्डों के 2.1 किलोमीटर के दायरे में सी-बैंड 5जी बेस स्टेशन नहीं लगाने चाहिए क्योंकि इस सी-बैंड 5जी स्टेशन से दिक्कत हो सकती है।एयरपोर्ट के आसपास रहने वालों के लिए एक बुरी खबर है।
देश में एयरपोर्ट्स के आसपास रहने वाले 2023 में भी 5जी इंटरनेट का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे।पत्र में कहा गया है कि टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे रनवे के दोनों सिरों से 2100 मीटर के क्षेत्र में 3300-3670 मेगाहर्ट्ज में कोई 5G/IMT बेस स्टेशन न रखें और भारतीय हवाई अड्डों के रनवे की मध्य रेखा से 910 मीटर की दूरी पर हों।
दूरसंचार विभाग का मानना है कि विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर के साथ टेक-ऑफ और लैंडिंग के दौरान, पायलट पूरी तरह से रेडियो (रडार) अल्टीमीटर पर निर्भर होते हैं ताकि उन्हें पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया जा सके।
कहां लगे भाई 5G स्टेशन
दुनिया भर में हाई-स्पीड 5G वायरलेस नेटवर्क शुरू होने से पहले, अमेरिका में पायलटों ने भी विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर में लगातार समस्याओं की सूचना दी थी।
जहां तक 5G बेस स्टेशनों का संबंध है, भारती एयरटेल, ने इन स्टेशनों को नागपुर, बेंगलुरु, नई दिल्ली, गुवाहाटी और पुणे हवाई अड्डों पर स्थापित किया है। Reliance Jio ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 5G बेस स्टेशन स्थापित किए हैं। यह नया नियम तब तक लागू रहेगा जब तक डीजीसीए सभी विमानों के रेडियो अल्टीमीटर फिल्टर को बदलना सुनिश्चित नहीं कर देता।
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