
नई दिल्ली | अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने रविवार को भारत के पूर्व कप्तान बाबू मणि के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्हें फुटबॉल मैदान पर उनके कारनामों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। मणि ने 59 वर्ष की आयु में शनिवार को अंतिम सांस ली। अपने समय के कुशल फॉरवर्ड में से एक के रूप में मशहूर मणि ने कोलकाता में 1984 के नेहरू कप में प्रसिद्ध अर्जेटीना टीम के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया, जिसने दो साल बाद विश्व कप जीता था।
उन्होंने 55 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, और एएफसी एशियाई कप 1984 के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय टीम का हिस्सा थे। फॉरवर्ड ने बाद में सिंगापुर में भी टूर्नामेंट खेला था।
जहां 1984 का एशियाई कप उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर का मुख्य आकर्षण था, वहीं मणि दो बार के सैफ मैचों के स्वर्ण पदक विजेता (1985 और 1987) भी हैं।
एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, "मुझे यह सुनकर बेहद दुख हुआ कि बाबू मणि अब नहीं रहे। हम उन्हें भारतीय फुटबॉल में उनके योगदान के माध्यम से हमेशा याद रखेंगे। इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ हैं।"
एआईएफएफ के महासचिव डॉ. शाजी प्रभाकरन ने कहा, "बाबू मणि को फुटबॉल मैदान पर उनके कारनामों के माध्यम से हमेशा याद किया जाएगा। वह एक असाधारण फुटबॉलर थे और उन्होंने कई युवाओं को प्रेरित किया था। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना। उनकी आत्मा को शांति मिले।"
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