सभी को मिलकर एक दिशा में कार्य करने की जरूरत: राज्यपाल

कानपुर। हमारे देश के युवाओं में कौशल, शक्ति और शिक्षा की कोई कमी नहीं है,जरूरत है तो सिर्फ उचित मार्गदर्शन की। उप्र के प्रत्येक विश्वविद्यालय को हमें इस योग्य बनाना है कि वह नैक में ए प्लस ग्रेड प्राप्त कर पूरे देश को गौरवांगित महसूस करा सके।

उक्त बातें बुधवार को सीएसजेएमयू में आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव शुभारम्भ के मौके पर उप्र की राज्य पाल आनंदी बेन पटेल ने कहीं।

उन्होंने वहां उपस्थित ग्राम प्रधानों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके गांवों में महिलाओं का प्रसव अस्पतालों में ही हो। मां के दूध का महत्व बताते हुए कहा है, यदि जन्म के एक घंटे के भीतर शिशु को मां का दूध मिल जाता है, तो इससे शिशु की प्रतिरोधक क्षमता पर बेहतर असर होता है। जिससे उसके बीमार होने की संभावनाएं भी कम हो जाती है। ग्राम प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचाये। उन्होंने सभी वि.वि. और कॉलेजों को रक्तदान शिविर आयोजित करने की सलाह भी दी।

उन्होंने कहा कि आबादी की दृष्टि से सबसे ज्यादा कैंसर यू.पी में है, इसलिए हमें इसके प्रति लोगों को ना सिर्फ जागरूक करना है, बल्कि जरूरतमंद लोगों तक इसका उपचार भी पहुंचाना है। इसके साथ ही मलिन बस्तियों की जरूरतमंद महिलाओं पुरानी व नई किसी भी प्रकार की साड़ी भेंट करने की सलाह दी।

उन्होंने कहा कि कानपुर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने आज़ादी के इस महापर्व के अंतर्गत जो विभिन्न कार्यक्रमों का बीड़ा उठाया गया है, वे कार्य कठिन जरूर है, लेकिन जब सभी लोग एक साथ मिलकर एक ही दिशा में कार्य करते हैं, तो कठिन से कठिन कार्य को गति के साथ-साथ सफलता भी प्राप्त होती है।

इस मौके पर आनंदी बेन पटेल ने वि.वि. द्वारा 75 गांवों में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का शुभारम्भ भी किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवाओं में कौशल, शक्ति और शिक्षा की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो सिर्फ उचित मार्गदर्शन की। यू.पी की प्रत्येक यूनिवर्सिटी को हमें इस योग्य बनाना है कि वह नैक में वन प्लस ग्रेड प्राप्त कर पूरे देश को गौरवांगित महसूस करा सके।

गुमनाम क्रांतिकारियों की कहानियां समाज के सामने लायी जाए

कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा क्रांतिकारियों की यशगाथा पुस्तक की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने जिन गुमनाम क्रांतिकारियों की जीवनी को प्रस्तुत किया है वह प्रशंसनीय कदम है। इस तरह के प्रयास समाज के लिए बहुत उपयोगी हैं। देश के लिए मर मिटने वाले क्रांतिकारियों की कहानी समाज के हर वर्ग तक पहुंचायी जानी चाहिए। पत्रकारिता विभाग ने ऐसे 20 क्रांतिकारियों की कहानियां ऑडियो प्रारूप में भी तैयार की है, जिन्हें 75 गांवों में लोगों को सुनाया जाएगा।

डिग्री तक सीमित न रहे छात्र, समाज सेवा भी जरूरी: विनय कुमार पाठक

वि.वि. कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने बताया कि 7 जनपदों के 75 गांवों व मलिन बस्तियों में नेत्र रोगों की स्क्रीनिंग एवं उपचार परियोजना तथा कैंसर रोगियों के लिए स्क्रीनिंग परियोजना, ये सभी अक्टूबर-नवम्बर तक संचालित रहेगी। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रकार के कार्यक्रम श्रृंखला का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वि.वि. शिक्षा या फिर डिग्री देने तक की सीमित नही रहना चाहिए, बल्कि यहां छात्रों को सेवा करना भी सिखाना चाहिए। जिससे छात्र समाज के अंतिम पायदान तक के नागरिक को सहाय़ता करने में सक्षम बन सकें।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर आधारित ऑडियो बुक का तथा दो शिलालेखों का भी अनावरण किया गया। इसके साथ ही जिला नोडल अधिकारियों को 75 गांवो में रोपित होने वाले पौधे तथा झंडे भेंट किये गए। इस पूरे अमृत महोत्सव के दौरान वि.वि. से संबद्ध 7 जनपदों के 75 गांवों में 12 से 15 अगस्त तक लगभग 15000 इंडे लगाये जायेंगे। कार्यक्रम का कुशल संचालन नोडल अधिकारी डॉ. प्रवीण कटियार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने किया।

इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी,एस.बी.आई मुख्य महा प्रबंधक अजय कुमार खन्ना, कानपुर महापौर प्रमिला पांडे, पालीवाल डायग्नोस्टिक निदेशक उमेश पालीवाल, जे. के. कैंसर इंस्टीट्यूट निदेशक डॉ. एस.एन. प्रसाद ,आर.के.देवी आई रिसर्च इंस्टीट्यूट निदेशक डॉ. अवध दुबे, जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर, सांसद सत्यदेव पचौरी , विधायक नीलिमा कटियार , मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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