लहराए जा घर -घर तिरंगा...

लखनऊ। राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक पिंगली वेंकय्या के जन्मदिवस पर मंगलवार को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में आयोजित ‘समर्पयामि‘ के साथ राजधानी में स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृति विभाग के आयोजनों का आरंभ हो गया। विभाग ने मंगलवार से ही ‘हर घर तिरंगा‘ जागरुकता अभियान शुरू कर दिया है। संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में अकादमी द्वारा दीप सामाजिक संस्थान के सहयोग से आयोजित भव्य समारोह में देश भक्ति गीत और नृत्य की प्रस्तुति, अभिलेख प्रदर्शनी व देश गीत एवं वर्षा ऋतु गीत कार्यशालाओं एवं चित्रकला प्रतियोगिता का समापन हुआ। कथक केन्द्र के तत्वावधान में आजादी के 75 वर्ष के अवसर पर 75 बच्चों द्वारा प्रस्तुत झंडा गीत नृत्य प्रस्तुति आकर्षण का विशेष केन्द्र बन गई।

समारोह में संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने कहा कि पिंगली वेंकैया जी ने भारतीय ध्वज की परिकल्पना की। उन्होंने बहुत सारे देशों के ध्वजों का अध्ययन कर भारतीय ध्वज की परिकल्पना की और महात्मा गांधी जी को समर्पित किया था। उन्होंने कहा कि केसरिया रंग शौर्य, बलिदान का प्रतीक है। सफेद शांति, सच्चाई, सादगी से जुड़ा है तथा हरा रंग प्रकृति, पर्यावरण और विकास का परिचायक है। उन्होंने कहा कि पहले प्रतीक चिह्न चरखा था, कालांतर में चक्र रखा गया। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान के तहत 13, 14 एवं 15 अगस्त को हर भारतवासी तिरंगा फहराए।

अकादमी के सचिव तरुण राज ने स्वागत करते हुए अकादमी की गतिविधियों की जानकारी दी। दीप सामाजिक संस्थान की अध्यक्ष उर्मिला पांडेय ने पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के अध्यक्ष भदन्त शांति मित्र, संस्कृति विभाग के विशेष सचिव आनंद कुमार सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित थे।

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी एवं कथक केन्द्र के तत्वावधान में 75 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा हर घर तिरंगा कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रस्तुत झंडा गीत- लहराए जा घर घर तिरंगा नृत्य प्रस्तुति काफी प्रभावशाली रही। देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत इस प्रस्तुति का संगीत निर्देशन कमलाकांत ने तथा नृत्य निर्देशन नीता जोशी एवं श्रुति शर्मा द्वारा किया गया। प्रस्तुति में दर्शाया गया था कि किस प्रकार हमारा झंडा हमारे देश का स्वाभिमान है। यह हर भारतवासियों के लिए मान-सम्मान, पहचान, बलिदान एवं स्वाभिमान का प्रतीक है।

समारोह में गोकर्णनाथ शुक्ल ने झंडा महिमा गीत की प्रस्तुति की। अकादमी पुरस्कार से सम्मानित गोरखपुर के डॉक्टर शरदमणि त्रिपाठी के संगीत निर्देशन में आयोजित देशगीत एवं वर्षा ऋतु कार्यशाला में तैयार गीतों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इनके अन्तर्गत अनोखा निराला हमारा वतन, बहिनी हो बिरनवा दई दा स्वराजी गीत, अय मेरी जान भारत, श्याम घटा घिर आईश्, सावन के दिन आए श्गोरी घेरे घटा घहराई केश्, श्झिमिर झिमिर बरसेलीश्, श्घहरे बदरिया बरिसेश्, झूलेली राधा झुलावे कन्हैयाश् गीतों की प्रस्तुतियां हुईं। इन प्रस्तुतियों में अंजू भारती, अनुपमा श्रीवास्तव, धीरेन्द्रनाथ पांडेय, अखिलेश यादव सहयोगी रहे जबकि निधि निगम, आशा श्रीवास्तव, नीता श्रीवास्तव, क्षितिज श्रीवास्तव, अरुणा उपाध्याय, अलका श्रीवास्तव, मंजू चक्रवर्ती, कनक, विमला कटेरिया, संगीता, सुषमा प्रकाश, सुमन सिंह, माधुरी शर्मा, इन्दु सारस्वत, अपर्णा सिंह आदि ने इसमें भाग लिया। प्रस्तुतियों का समापन वंदे मातरम् से हुआ।

वहीं राजकीय अभिलेखागार द्वारा इस अवसर पर हर घर तिरंगा से सम्बन्धित अभिलेख प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में राष्ट्रीय ध्वज, अभिकल्पक पिंगली वेंकैय्या से सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी के साथ ही प्रथम स्वतंत्रता दिवस से सम्बन्धित अभिलेख प्रदर्शित किए गए जिनमें भारत सरकार के उपसचिव का पत्र, यूनाइटेड प्राविंसेज के निदेशक सूचना का पत्र, 14 अगस्त 1947 के रात्रिकालीन आयोजन विषयक निर्धारित कार्यक्रम, 15 अगस्त 1947 को सरकारी आवास पर प्रातःकालीन समारोह के कार्यक्रम की रूपरेखा, राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन सम्बन्धी नियम, महामहिम सरोजनी नायडू एवं पंडित गोविंद बल्लभ पंत द्वारा दिया गया भाषण शामिल है।

चित्रकला में शगुन प्रथम, सोनम द्वितीय

अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान तथा उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के अभिकल्पक पिंगली वेंकैय्या के जन्मदिवस पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में आइडियल पब्लिक इंटर कालेज की कक्षा 10 के विद्यार्थी शगुन वर्मा को प्रथम पुरस्कार मिला। इंदिरा नगर के बी ब्लाक स्थित श्री वर्धमान इंटर कालेज की कक्षा 11 की छात्रा सोनम शाह को द्वितीय तथा तकरोही स्थित वर्धमान इंटर कालेज के कक्षा 11 के देवेश चौहान को तृतीय पुरस्कार मिला। प्रतियोगिता में सुबुही बानो, खुशबू रावत, मानसी यादव, फरजाना खातूम, आलोक कुमार प्रजापति, अनूप शर्मा, रोहिल कुमार, सोनाली निर्मल, खुशी गुप्ता एवं शिवानी शर्मा को सान्त्वना पुरस्कार मिला। सभी विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। प्रतियोगिता में कुल 87 प्रतिभागी रहे।

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