

नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद के फैसलों को लागू करने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ‘एक राष्ट्र-एक कर’ व्यवस्था में बदलाव की संभावना नहीं है। राजस्व सचिव तरुण बजाज ने गुरुवार को यह बात कही।
राजस्व सचिव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल मौजूदा कानून का दोहराव है, जो राज्यों को कराधान पर जीएसटी परिषद की सिफारिश को स्वीकार करने या खारिज करने का अधिकार देता है। बजाज ने कहा कि इस शक्ति का इस्तेमाल पिछले 5 साल में किसी ने भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संशोधन के मुताबिक जीएसटी परिषद की सिफारिशें हमेशा एक मार्गदर्शन थीं और इनका पालन अनिवार्य नहीं था।
उल्लेखनीय है कि जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की सिफारिशें मानने के लिए केंद्र और राज्य सरकार बाध्य नहीं है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों के विपरीत भी फैसले ले सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है कि एक दिन पहले ही जीएसटी लेवी की समीक्षा करने वाले मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने कैसिनो, ऑनलाइन गेमिंग और रेस कोर्स पर जीएसटी की दर 18 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी करने पर अपनी सहमति दी है, जिसकी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी जानी है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर
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