
अशेाक नगर, 23 मार्च (हि.स.)। जिले की बहादुरपुर तहसील की ग्राम पंचायत जसैया के ग्राम करीला में रंगपंचमी पर आयोजित तीन दिवसीय विशाल मेला बुधवार को संमाप्त हो गया। इस विश्व प्रसिद्ध करीला मेले में लाखों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर माता जानकी के दर्शन कर मन्नतें मांगी। यहां लोगों ने देशभर में प्रसिद्ध राई नृत्य का भी जमकर लुत्फ उठाया।
मेले में इस वर्ष सुरक्षा व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखकर व्यापक इंतजाम किए गए थे। साथ ही लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव,कमिश्नर आशीष सक्सेना,आईजी अनिल शर्मा, कलेक्टर आर.उमामहेश्वरी एवं पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया द्वारा मंदिर परिसर में व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर उन्होंने व्यवस्थाओं को बेहतर बनाया।
लाखों श्रद्धालुओं ने करीला पहुंचकर किए माता जानकी के दर्शन
करीला के मुख्य मंदिर में मॉ जानकी के साथ-साथ महर्षि वाल्मीकि व लव- कुश की प्राचीन प्रतिमायें स्थापित है। रंगपंचमी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का करीला धाम आना प्रारंभ हो गया था। रंग पंचमी के दिन व रात में लाखों श्रद्धालुओं ने मॉ जानकी के मंदिर में मत्था टेककर आशीर्वाद लिया तथा दर्शन लाभ लिए। मॉ जानकी के दरबार में आकर लाखों श्रद्धालुओं ने माता जानकी मैया के जयकारों के साथ रैलिंग में कतारबद्ध होकर दर्शन किए तथा मन्नतें मॉगी। मन्नतें प्राप्त हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के बाहर राई एवं बधाई नृत्य करवाया। रंग बिरंगी लाइटों से सुसज्जित मंदिर परिसर रोशनी से सराबोर रहा।
नृत्यांगनाओं ने किया राई एवं बधाई नृत्य
करीला धाम में मान्यता है कि जिसके सन्तान न हो, वह यहां आकर मन्नतें मांगे तो उसकी मुराद मॉ जानकी पूरी करती हैं। मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु यहां आकर अपनी श्रद्धानुसार राई नृत्य करवाते है। क्षेत्र में यह लोकोक्ति प्रचलित है कि लव व कुश के जन्म के बाद मॉ जानकी के अनुरोध पर महर्षि वाल्मीकि ने उनका जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया था। जिसमें स्वर्ग से उतरकर अप्सरायें आई थी तथा उन्होने यहॉ नृत्य किया था। वही जन्मोत्सव आज भी रंग पंचमी के अवसर पर यहॉ मनाया जाता है।
उसी उत्सव में हर वर्ष सैकडों नृत्यांगनायें यहॉ राई नृत्य प्रस्तुत करती है। नृत्यांगनाएं ओढ़नी से घूंघट डाले नगड़ियों की गूंज एवं मृदंग की थाप पर लम्बे घेर वाले लंहगे एवं पैर में घुंघरू की खनखनाती आवाज पर मनमोहक अदाओं के साथ रातभर नृत्य करती रहीं। ऐसा लग रहा था मानो अप्सराएं जमीन पर उतरकर जन्मोत्सव की खुशी मना रही हों। भोर होने पर नृत्यांगनाओं द्वारा प्रस्तुत बधाई नृत्य के साथ मेला का समापन हुआ।
राज्यमंत्री, कलेक्टर एवं एसपी लेते रहे मेला व्यवस्थाओं का जायजा
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव, कलेक्टर आर.उमामहेश्वरी एवं पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया द्वारा करीला पहुंचकर मेले की सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ-साथ सम्पूर्ण मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। मेला परिसर में सीसीटीव्ही कैमरे, पेयजल सहित विद्युत, स्वच्छता तथा सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था कराई गई। अधिकारी, कर्मचारी रहे मुस्तैद कलेक्टर द्वारा जिले सभी विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मेला व्यवस्थाओं के लिए दायित्व सौंपे गए थे। जिसके तहत सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पूरी मुस्तैदी के साथ कार्य किया। सेक्टर मजिस्ट्रेटों द्वारा दर्शनार्थियों को कोई असुविधा न हो इस पर विशेष ध्यान दिया गया।
ड्रोन कैमरे से मेला सुरक्षा की निगरानी
करीला मेला में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 100 सीसीटीव्ही तथा ड्रोन कैमरों से सतत निगरानी रखी गई। मंदिर परिसर में बनाए गए 35 फिट वॉच टावर पर पुलिस के जवान दूरबीन से सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे। साथ ही पर्याप्त संख्या में महिला एवं पुरूष पुलिस कर्मियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था की गई। मेला में जिले के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। मेला व्यवस्था में आवागमन को सुगम बनाने हेतु चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई थी।
श्रद्धालुओं को मिला शुद्ध पेयजल
करीला मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस बार विशेष इंतजाम किए गए। श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए मंदिर परिसर के लिए चारो तरफ पाइप लाइन बिछाकर टोटियों के माध्यम से लोगों को आसानी से पानी उपलब्ध कराया गया। साथ ही 300 टेंकरों के माध्यम से भी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गई। मेला में अस्थाई 300 शौचालयों की व्यवस्था कराई गई। मेला में दो स्नानागार कैंपस बनाए गए।
नृत्यांगनाओं के लिए रही विशेष सुविधा
जिला प्रशासन द्वारा मेला में बधाई एवं राई नृत्य के लिए आने वाली नृत्यागनाओं के लिए नृत्य करने लिए चबूतरों की व्यवस्था की गई। साथ ही उनके विश्राम के लिए टेंट लगाकर विश्राम गृह की सुविधा उपलब्ध कराई गई। नृत्यांगनाओं ने जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई व्यवस्थाओं पर संतोष व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।
स्वास्थ्य के रहे विशेष इंतजाम
करीला मेला में जिला प्रशासन द्वारा मंदिर परिसर एवं 06 सेक्टरों में अस्थाई चिकित्सालय बनाये गये थे। इन चिकित्सालयों में चिकित्सक सहित पैरामेडिकल स्टॉफ एवं पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध रही। इन चिकित्सालयों के माध्यम से मेला में आने वाले श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य खराब होने पर उनका समुचित उपचार किया गया।
श्रद्धालुओं को आसानी से हुए माता जानकी के दर्शन
करीला मेला में माता जानकी के दर्शन हेतु श्रद्धालुओ के लिए छ: रैलिंग की व्यवस्था की गई। जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं ने क्रमबद्ध होकर माता जानकी के दर्शन किए। मेला परिसर में खोया-पाया केंद्र संचालित रहा जिसके माध्यम से मेला में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाया गया। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया गया। मेला परिसर में गंदगी दूर दूर तक नजर नहीं आई। नगरपालिका अमले द्वारा निरंतर साफ सफाई की जा रही थी। साथ गीला कचरा एवं सूखा कचरा के निष्पादन की व्यवस्था भी की गई थी। जगह जगह डस्टबिन की व्यवस्था होने से परिसर स्वच्छ बना रहा।
मेला में झूलों का लिया आनंद
मेले में शिरकत करने आने वालों लोगों ने मेले का भरपूर आनंद लिया। मेले में लगे बड़े-बड़े झूलों का युवाओं ने तथा छोटे झूलों का बच्चों ने झूलकर आनंद लिया। ग्रामीणों द्वारा मेले में लोहे के कढ़ाईयों एवं सामग्री की खरीदी की गई। साथ ही दुकानों में व्यंजनों का स्वाद भी ग्रामीणों द्वारा लिया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश
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