जातिगत जनगणना का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजने में सरकार को आपत्ति नहीं

जातिगत जनगणना का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजने में सरकार को आपत्ति नहीं


जातिगत जनगणना का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजने में सरकार को आपत्ति नहीं


रांची, 25 मार्च (हि.स.)। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि झारखंड सरकार जातिगत जनगणना कराने के विरोध में नहीं है। आलम ने शुक्रवार को सदन में कहा कि अगर विधायकों की भावना है तो इसका प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केंद्र को भेजा जा सकता है।

आलम ने कहा कि जातीय जनगणना विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों का खाका खींचने में महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकते हैं। सरकार ने उसका अध्ययन करने की बात कही है। आलम ने कहा कि राज्य में जातीय जनगणना अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। यह राज्य के क्षेत्राधिकार में नहीं आता है।जातीय जनगणना केंद्र सरकार के स्तर से ही कराया जा सकता है। 2011 में केंद्र सरकार ने आर्थिक सामाजिक जनगणना कराई थी। राज्य को जातीय जनगणना खुद से करने ले लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र सरकार को भेजना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय मे विधानसभा से प्रस्ताव पारित कराकर भारत सरकार को भेजेंगे।

विधायक सुदेश महतो ने सदन में गैर सरकारी संकल्प के तहत जातिगत जनगणना में अन्य जाति को भी शामिल करने की मांग की थी।

आजसू विधायक सुदेश महतो ने कहा कि केंद्र सरकार ने नीतिगत मामले के तौर पर पिछले साल ही फैसला लिया है कि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के अलावा कोई अन्य जातीय जनगणना नहीं होगा, जबकि झारखंड में जातीय जनगणना के बाद सभी तबके के समेकित विकास और हिस्सेदारी के लिए इसकी जरूरत है। जनगणना नीतियां बनाने का एक प्रमुख आधार है और जातीय आंकड़े आरक्षण की सीमा तय करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने इसे लेकर तमिलनाडु हाई कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ विकास

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