डॉ. ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान से नवाजे गए माहेश्वर तिवारी

डॉ. ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान से नवाजे गए माहेश्वर तिवारी


डॉ. ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान से नवाजे गए माहेश्वर तिवारी


- मुरादाबाद के प्रसिद्ध नवगीतकार माहेश्वर तिवारी को जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में ''हमकलाम'' एवं ''डॉ. ताराप्रकाश जोशी मैमोरियल फाउंडेशन'' की ओर से मिला सम्मान

-माहेश्वर तिवारी को पगड़ी, अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न एवं सम्मान राशि 51 हजार रुपये दिए गए

मुरादाबाद 28 फरवरी (हि.स.)। जयपुर की प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्थाओं ''हमकलाम'' एवं ''डॉ. ताराप्रकाश जोशी मैमोरियल फाउंडेशन'' की ओर से सोमवार को जयपुर में रवींद्र मंच पर आयोजित भव्य सम्मान समारोह में मुरादाबाद निवासी देश के प्रसिद्ध नवगीतकार व यश भारती पुरस्कार से सम्मानित डा. माहेश्वर तिवारी को वर्ष 2022 का वार्षिक ''डॉ. ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान'' प्रदान किया गया।

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था अक्षरा के संयोजक योगेंद्र वर्मा''व्योम'' ने बताया कि सोमवार को राजस्थान के जयपुर में ''हमकलाम'' एवं ''डॉ. ताराप्रकाश जोशी मैमोरियल फाउंडेशन'' की ओर से भव्य सम्मान समारोह आयोजित हुआ। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री बीडी कल्ला तथा विशेष अतिथि न्यायमूर्ति विनोद शंकर दवे एवं राजस्व मंडल के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह के कर कमलों से नवगीतकार माहेश्वर तिवारी को पगड़ी, अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न एवं सम्मान राशि 51 हजार रुपए भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्था-हमकलाम के अध्यक्ष लोकेश सिंह साहिल ने किया।

कार्यक्रम में सम्मानित माहेश्वर तिवारी ने अपने नवगीत पढ़ते हुए गुनगुनाया-

"मन का वृन्दावन हो जाना कितना अच्छा हैं,

धुला-धुला दर्पन हो जाना कितना अच्छा हैं,

चारों तरफ धुंध की काली चादर फैली हैं,

पूरनमासी खिली चाँदनी मैली-मैली हैं,

वंशी बनकर तुम्हें बुलाना कितना अच्छा हैं,

तुममें ही मिलकर खो जाना कितना अच्छा है"।

इस अवसर पर एक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन भी हुआ जिसमें दिल्ली की कीर्ति काले ने ''बिना तुम्हारे शहर तुम्हारा फीका फीका लगा मुझे'', फर्रुखाबाद के डॉ. शिवओम अम्बर ने लफ्जों में टनकार बिठा लहजे में खुद्दारी रख'', जोधपुर के दिनेश सिंदल ने ''जग ने फूल कहा तुमको था मैंने खुशबू कहा तुम्हें'', बांसवाड़ा के तारेश दवे ने ''तुम अपनी उड़ानों की ऊंचाई देखो'', चित्तौड़गढ़ के रमेश शर्मा ने ''जब गरजे तब बरसे नहीं'', ग्वालियर के राजेश शर्मा ने ''फिर लहर तट छू गई, इस बार नदियां क्या करे'', जोधपुर की पूर्णिमा अदा ने ''मुझे मिलता है जो कुछ भी मैं दूना कर दिखाती हूं'' जैसी रचनाएं सुनाई।

मुरादाबाद के प्रसिद्ध गीतकार माहेश्वर तिवारी को ताराप्रकाश जोशी स्मृति सम्मान से सम्मानित किए जाने पर साहित्यिक संस्था अक्षरा, हस्ताक्षर एवं मुरादाबाद लिटरेरी क्लब की ओर से डॉ. अजय अनुपम, डॉ. मक्खन मुरादाबादी, डॉ. कृष्ण कुमार नाज़, योगेन्द्र वर्मा ''व्योम'', ज़िया ज़मीर, राजीव प्रखर, हेमा तिवारी, डॉ. पूनम बंसल, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, डॉ. मनोज रस्तोगी, मनोज मनु, मयंक शर्मा, फरहत अली, राहुल शर्मा आदि ने बधाई दी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/निमित जायसवाल

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