अखिलेश सरकार ने रोक दी थी एससी,एसटी बच्‍चों की स्‍कालरशिप: सीएम योगी

लखनऊ। प्रदेश सरकार ने गुरुवार को 1217631 छात्रों को स्‍कालरशिप की सौगात दी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने अपने आवास 5 कालीदास मार्ग पर आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में छात्रों के खातों में आनलाइन 458.66 करोड़ रुपये स्‍कालरशिप हस्‍तांतरित की। इस दौरान सीएम योगी ने अखिलेश सरकार द्वारा  एससी,एसटी छात्रों की स्‍कालरशिप रोके जाने का बड़ा खुलासा किया। अखिलेश सरकार की दलित विरोधी मानसिकता सामने आने के बाद विपक्ष में हड़कंप मच गया है। 

सीएम ने कहा कि जब भाजपा की सरकार बनी तो हमने देखा कि एससी,एसटी समाज के बच्‍चों की स्‍कालरशिप ही रोक दी गई है। 2016 से बच्‍चों की स्‍कालरशिप नहीं जा रही थी। परीक्षाएं नजदीकी आ रही थी। हमारी सरकार ने छात्रों की स्‍कालरशिप बहाल कर भेजने का काम किया। अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम ने कहा कि जो सरकारें राजनीतिक प्रतिशोध और प्रतिद्वंद के तहत बच्‍चों के जीवन से खिलवाड़ करती हैं उनकी मानसिकता का अंदाजा लगाया जा सकता है। 

सीएम ने कहा कि 12 17 631 बच्चों को आज छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। मैं प्रदेश के सभी युवा साथियों को जिन्हें आज स्कॉलरशिप उपलब्ध कराई जा रही है, उन्हें बधाई व शुभकामनाएं देता हूं। 2 अक्टूबर को भी उत्तर प्रदेश सरकार ने ने लगभग 57 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति की किस्त भेजी थी। कोरोना महामारी के कारण बड़ी संख्या में स्कूल,कॉलेज प्रारम्भ नहीं हो पाए थे। देर से छात्रों के प्रवेश के कारण छात्रवृत्ति को अलग-अलग किस्तों में भेजा जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि साढ़े चार वर्षों में हमारी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार में जितने छात्रों को स्कॉलरशिप मिलती थी, उससे 40 लाख से अधिक बच्चों को इस योजना के साथ जोड़ने का कार्य किया है। 

इस दौरान सीएम ने विभिन्न जिलों से वर्चुअली जुड़े विद्यार्थियों से संवाद किया और उनको बधाई दी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विभिन्न शिक्षा संस्थानों में 30 दिसम्बर तक प्रवेश की प्रक्रिया को पूरा कराने और स्कॉलरिशप की राशि पात्र विद्याथिर्यों के खातों में भेजने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शुल्क प्रतिपूर्ति में या अपने लिए किसी प्रकार की पाठ्यक्रम साम्रग्री खरीदने में दिक्कत नहीं होनी चाहिये। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने युवा छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सरकार स्नातक और स्नात्कोत्तर स्तर पर पढ़ रहे विभिन्‍न विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग संस्थाओं, पॉलीटैक्निक, आईटीआई, नर्सिंग, पैरा मेडिकल व अन्य जो भी पाठयक्रम हैं, उसमें प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए स्मार्टफोन ओर टैबलेट वितरण की बड़ी कार्ययोजना पर काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारा प्रयास होना चाहिये कि जो बच्चे बचे हुए हैँ उनकी स्कॉलरिशप 26 जनवरी तक उनके खातों में भेज दी जाए। 

पूर्व की सरकारों ने किया बच्चों के जीवन से खिलवाड़ : सीएम

सीएम योगी ने कार्यक्रम के दौरान दलितों के साथ अखिलेश सरकार में किए जाने वाले भेदभाव का बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अखिलेश सरकार में दलितों की छात्रवृत्ति को रोकने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें भेदभाव करती थीं। अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों की स्कॉलरशिप रोक दी गई थी। सीएम योगी ने कहा कि जो सरकारें राजनैतिक प्रतिशोध और प्रतिद्वंदिता के तहत बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ करती हों उन लोगों के द्वारा यह सीधे-सीधे शासन की लोककल्याणकारी योजनाओं को बाधित करने का काम है। सीएम योगी ने कहा आपने देखा होगा कि शासन की योजनाओं को हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने का काम हो रहा है। जैसे अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों के लिए फ्री में कोचिंग, अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के लिए फ्री में कोचिंग की व्यवस्था हो। 

प्रदेश में छात्र-छात्राओं को मिला रहा पढ़ने का पूरा मौका : सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि अभ्युदय कोचिंग से निकले बच्चों ने बड़ी संख्या में अलग-अलग कई प्रतियोगी परीक्षाओं में स्थान प्राप्त किया है। यह परिणाम उत्तर प्रदेश के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। सरकार इसी विश्वास के साथ आगे बढ़ रही है। स्कॉलरिशप या शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था दी जा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्न्ता है कि पिछली सरकारें इस स्कॉलरिशप पर रोक लगाती थीं इसमें स्वयं का अपना राजनीतिक लाभ हानि देखती थी लेकिन आज लाभ हानि की परवाह किये बिना केवल और केवल यह मानकर कि बच्‍चों को पढ़ने का मौका मिलना चाहिये और अच्छा वातावरण मिलना चाहिये,स्कॉलरिशप की राशि उनके खातों तक पहुंचाई जा रही है। 

75 जनपदों में अभ्युदय योजना को आगे बढ़ाने की आवश्यकता: सीएम योगी

सीएम योगी ने अभ्युदय योजना की चर्चा करते हुए कहा कि अभी 18 जनपदो में यह योजना चल रही है। सभी 75 जनपदो में इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तकनीक से जोड़ने की आवश्यकता है। प्रदेश के प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों को भी जोड़ सकें। इसके प्रयास होने चाहियें। उन्होंने बताया कि हमने कोरोना महामारी की चुनौतियों को देखा है। कोरोना महामारी प्रारंभ होते समय कोटा और प्रयागराज से हजारों बच्चों को उनके घरों तक पहुंचाने का काम किया है। उस समय सरकार ने तय किया था जो बच्चों कोचिंग के लिए घर से दूर जाते हैँ उनके लिए उनके जनपद में ही कोचिंग उपलब्‍ध कराने का प्रयास करेंगे। अभ्युदय योजना उसका परिणाम है। उन्होंने कहा कि मैं समाज कल्याण विभाग से कहूंगा कि हरएक जनपद में अभ्युदय कोचिंग की व्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम करें।

Post a Comment

0 Comments