सियासी दलों के दिग्गज नेताओं के दिलों की धड़कनें बढ़ा गईं प्रियंका गांधी

उमेश लव, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद महानगर का 2 दिसंबर को ठंड के कारण पारा गिरा हुआ था। इसके बावजूद कांग्रेसियों में अजब का जोश दिखाई दे रहा था। महानगर के सभी मार्गों से लोग दिल्ली रोड की तरफ को जा रहे थे। उनकी मंजिल थी सर्किट हाउस के पीछे बुद्धि विहार का मैदान, जहां पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की प्रतिज्ञा रैली थी। रैली में प्रियंका गांधी को सुबह 11 बजे पहुंचना था लेकिन वह अपने निर्धारित समय से लगभग 3:30 घंटे देर से पहुंची और इस दौरान आसमान से इंद्रदेव भी टप टप कर रहे थे। भले ही यह बूंदाबांदी हल्की थी लेकिन कांग्रेसियों में ठंड के बीच गरमाहट थी क्योंकि प्रतिज्ञा रैली स्थल पर सभी कुर्सियां भर चुकी थी और मैदान में कहीं पर भी कोई जगह खाली नजर नहीं आ रही थी।

कुछ इस तरह थी प्रियंका गांधी की रैली में भीड़

इसी के साथ राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस की यह रैली चर्चाओं का विषय बन गई क्योंकि 15 नवंबर को प्रियंका गांधी को मुरादाबाद आना था लेकिन वायरल फीवर के कारण अंतिम समय में उन्होंने अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया था। ऐसे में लोग गुरुवार को भी तरह-तरह की चर्चाएं करते हुए कार्यक्रम स्थगित की बातें कर रहे थे लेकिन प्रियंका गांधी के आगमन और विशाल प्रतिज्ञा रैली ने यह साबित कर दिया है कि कांग्रेसी कहीं ना कहीं एक बार फिर से सत्ता की दौड़ में शामिल है और लगभग 6 महीने की प्रियंका गांधी की घर घर पहुंच की मेहनत… अब रंग ला रही है।

मंच पर आने के तुरंत बाद लोगों का अभिवादन स्वीकार करते प्रियंका गांधी

यही कारण है कि प्रियंका गांधी की रैली के समापन के बाद उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की सरकार ही नहीं बल्कि सत्ता के लिए संघर्ष कर रही समाजवादी पार्टी के नेताओं के दिलों की धड़कनें भी बढ़ गई है। यही हाल बहुजन समाज पार्टी के लीडरों का है। इस बीच कांग्रेस ने भी अपनी प्रेस को जारी विज्ञप्ति में मुरादाबाद में पांच लाख से ज्यादा लोगों के रैली में पहुंचने का दावा किया है। फिलहाल सच्चाई क्या है यह तो हर कोई मैदान देखकर भी बता सकता है लेकिन इतना तय है कि सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की दिलों की धड़कन बढ़ने के साथ-साथ रातों की नींद भी अब उड़नी शुरू हो गई है।

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