वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के लिए लॉकडाउन का ऐलान, घर में रहकर ही करने होंगे सारे काम

वैक्सीन नहीं लगवाने वालों के लिए लॉकडाउन का ऐलान, घर में रहकर ही करने होंगे सारे काम

विएना-DVNA। यूरोप में कोरोनावायरस महामारी का कहर एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तो यहां तक कह दिया है कि यूरोप अब एक बार फिर महामारी का केंद्र बन गया है। कोरोना से फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी यूरोप है, जहां संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इसी बीच ऑस्ट्रिया ने टीका न लगवाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है और उनके लिए लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। ऑस्ट्रिया के चांसलर एलेक्जेंडर शालेनबर्ग ने ऐलान किया कि अपर ऑस्ट्रिया और साल्जबर्ग में टीके की खुराक न लेने वाले लोग सोमवार से खास वजहों, जैसे जरूरत का सामान खरीदने, डॉक्टर से मिलने या नौकरी के लिए ही घरों से बाहर निकल पाएंगे। शालेनबर्ग ने कहा कि वे देशभर में ऐसे ही कदमों को लागू करने पर विचार कर रहे हैं। बताया गया है कि ऑस्ट्रिया के साथ पड़ोसी जर्मनी में भी संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है।
कोरोनावायरस महामारी के तकरीबन दो साल बाद भी यूरोप के पश्चिमी क्षेत्र में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। यह काफी चौंकाने वाली बात है, क्योंकि इस क्षेत्र में टीकाकरण की दरें अधिक हैं और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां अच्छी हैं। इसके बावजूद अब कोरोना के लौटने की वजह से लॉकडाउन लगाने की नौबत आन पड़ी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि यूरोप में पिछले हफ्ते कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 10 फीसदी तक बढ़ गई। एजेंसी ने पिछले हफ्ते आधिकारिक घोषणा में कहा कि यूरोप फिर से महामारी का केंद्र बनने जा रहा है।
पश्चिमी यूरोप के कुछ देशों जैसे कि जर्मनी और ब्रिटेन में दुनिया में संक्रमण के सबसे अधिक नए मामले आ रहे हैं जबकि वहां कोरोना टीके लगाने की दर ज्यादा है। पश्चिम यूरोप में सभी देशों में टीकाकरण की दर 60 प्रतिशत से अधिक है और पुर्तगाल-स्पेन जैसे देशों में टीकाकरण की दर और अधिक है। एक्सेटर यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ में वरिष्ठ क्लिनिकल व्याख्याता डॉ. भारत पनखानिया ने कहा कि लॉकडाउन के बाद से व्यापक पैमाने पर सामाजिक गतिविधियां शुरू होने के साथ टीके की खुराक न लेने वाले लोग और महीनों पहले टीके की खुराक ले चुके लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आना संक्रमण के बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार है।
नीदरलैंड्स में महामारी फैलने के बाद से संक्रमण के रिकॉर्ड मामले दर्ज किए गए। अस्पतालों की ओर से चेतावनी दी गई है कि आगे हालात और बिगड़ सकते हैं। हालांकि, अधिकारी बहुत ज्यादा सख्ती बरतने से इनकार कर रहे हैं।
एक समय यूरोप में कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित रहे स्पेन ने संभवत: यह उदाहरण दिया है कि कैसे खतरे से निपटा जा सकता है। उसने अपनी 80 प्रतिशत आबादी को टीके की खुराक दे दी है और बाहर मास्क लगाना भी अनिवार्य नहीं किया। इसके बावजूद लोगों ने मास्क लगाना जारी रखा है। हालांकि, इसके बावजूद वहां संक्रमण के मामले थोड़े बढ़े हैं।

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