
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनी भी दी। पीएम मोदी ने कहा, लोकतंत्र के लिए साथ काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा, इसके तहत राष्ट्रीय अधिकारों को भी मान्यता देनी चाहिए और व्यापार, निवेश को भी बढ़ावा देना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी को ही ले लीजिए। सभी लोकतंत्रों के लिए साथ काम करके ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक लोकतंत्र और डिजिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा मे भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है। यह हमारे युवाओं के उद्यम और इनोवेशन से संचालित है।
प्रधानमंत्री मोदी कहा कि वर्तमान में भारत में पांच महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दुनिया की सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना अवसंरचना का निर्माण कर रहे हैं और 600,00 गांवों को जोडऩे की राह पर हैं। काउइन और आरोग्य सेतु का उपयोग करके पूरे भारत में टीकों की 110 करोड़ से अधिक खुराक देने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया है। वहीं हम सशक्तिकरण, कनेक्टिविटी, लाभ वितरण और कल्याण सहित शासन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके लोगों के जीवन को बदल रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढऩे वाला इकोसिस्टम है। स्वास्थ्य से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हर चीज का समाधान प्रदान करने के लिए हर कुछ हफ्तों में नए यूनिकॉर्न आ रहे हैं। पीएम ने कहा कि भारत के उद्योग सेवा क्षेत्र संसाधनों के रूपांतरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य के लिए तैयार करने का बड़ा प्रयास हो रहा है। हम 5प्रतिशत और 6प्रतिशत जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमता विकसित करने में निवेश कर रहे हैं। भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी देशों में से एक है।
सिडनी संवादÓ का मुख्य उद्देश्य राजनेताओं, उद्योग क्षेत्र की हस्तियों समेत सरकारी प्रमुखों द्वारा व्यापक चर्चा औक नए विचार पेश करना है। साथ ही यह संवाद महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न अवसरों व चुनौतियों की सामान्य समझ विकसित करने की दिशा में काम करने के लिए सभी को एक मंच पर लेकर आएगा। वहीं, इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन समेत जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भी संबोधन होगा।
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