
विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने कहा कि कोहरा एक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है. सीएसई की कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान) अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा, 'इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए उन मोर्चों पर तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है, जिससे प्रदूषण अधिक फैलता है जैसे वाहनों से, कुछ उद्योगों से, अपशिष्ट जलाने सेज्.. वहीं, भवन निर्माण, सड़क जैसे धूल फैलाने वाले स्रोतों पर तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है.Ó सीएसई ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में मौजूदा कोहरे का कहर अगले दो-तीन तक जारी रह सकता है.
सफर के अनुसार हवाओं की दिशा में कोई बदलाव नहीं हो रहा है. इसी वजह से अगले दो दिनों तक प्रदूषण गंभीर स्थिति में रह सकता है. आईआईटीएम के अनुसार दिन के समय हवाओं की गति बहुत कमजोर हो रही है. वहीं शाम और रात के समय हवाओं की स्पीड और भी कम हो रही है. जिसकी वजह से प्रदूषक हवा में जम रहे हैं. 14 नवंबर को स्थिति में मामूली सुधार हो सकता है लेकिन 15 नवंबर को फिर से यही स्थिति होने की संभावना है.
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