निषाद समाज को आरक्षण व अधिकार दिलाना वीआईपी पार्टी का मुख्य उद्देश्य: मुकेश सहनी

जौनपुर। उत्तर प्रदेश में 16 प्रतिशत से अधिक आबादी होने के बाद भी निषाद समाज के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है।इसके लिए निजस्वार्थ प्रेरित नेता दोषी हैं।निषाद समाज को राजपाट दिलाने का झूठा सपना दिखाकर एक नेता ने अपने परिवार के हित के लिए ही जुटा हुआ है।भोले भाले निषाद समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है।जिसकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन व चुनाव चिन्ह नहीं, वे सरकार बनाने का दावा कर रहे।बाप,बेटा भाजपा के सांसद व एम एल सी बन गए हैं, कहाँ गई उनकी पार्टी?

नगर स्थित बीआरपी कॉलेज मैदान में विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के द्वारा प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश नारायण निषाद के सांयोजकत्व व जिलाध्यक्ष इंद्रजीत निषाद एडवोकेट की अध्यक्षता में आयोजित निषाद जनचेतना रैली को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते वीआईपी संस्थापक व बिहार सरकार में पशुधन एवम् मत्स्य संसाधन मंत्री सन् ऑफ़ मल्लाह मुकेश सहनी ने कहा कि अपने परिवार की ही भलाई सोचने वाले निषाद नेताओं ने समाज को तबाही का शिकार बना दिया।याचक नहीं शासन सत्ता का हिस्सेदार बनकर समाज की भलाई के लिए काम करने के लिए निषाद समाज को अपने वोट की ताकत को पहचानना होगा।

मुकेश सहनी ने कहा कि वीआईपी पार्टी का उदय 2018 में निषाद आरक्षण आंदोलन से हुआ।जिसका मुख्य उद्देश्य निषाद समाज की जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण व उनका अधिकार दिलाना है।2020 में राजग गठबंधन के रूप में वीआइपी अपने चुनाव चिन्ह नाव पर चुनाव लड़कर 4 विधायक बनाई।बिहार में  जितना महत्व 74 विधायकों का है,उतना ही 4 विधायकों वाली वीआईपी व हम का भी है।किसी के भी गठबन्धन से हटने से बिहार की सरकार गिर जायेगी।हमे चंदा व निषादराज की आरती का पैसा नहीं,आपका तन मन से सहयोग चाहिए।रैली को संबोधित करते हुए सहनी ने कहा कि पश्चिम बंगाल,दिल्ली,उड़ीसा में निषाद जातियों को अनूसूचित जाति का आरक्षण मिलता है,तो उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड के निषाद, मल्लाह,केवट,बिंद,गोडिया आदि को क्यों नहीं।

वीआइपी प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटन राम निषाद ने कहा कि भाजपा निषाद समाज के साथ वादाखिलाफी व निषाद जातियों के साथ सामाजिक राजनीतिक अन्याय कर रही है।कहा कि कहां गया भाजपा का वादा व भाजपा दृष्टि पत्र,फिशरमैन विज़न डाक्यूमेंट्स का संकल्प?निषाद ने कहा कि भाजपा ने मछुआरा दृष्टि पत्र का संकल्प व वादा पूरा नहीं किया।विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने वादा पूरा नहीं किया तो अब भाजपा को श्रीराम- निषादराज की मित्रता के नाम पर निषाद समाज उसके बहकावे व भुलावे में नहीं आयेगा। कांठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती है।जब बिल्ली का मुंह गर्म दूध से जल जाता है,तो वह छाछ व मठ्ठा भी फूंककर पीती है।अब भाजपा के वादे पर विश्वास नहीं। निषाद आरक्षण के राजपत्र व शासनादेश के बाद ही भाजपा का साथ दिया जाएगा।उन्होंने मझवार,तुरैहा, गोंड, बेल्दार, खैरहा,खोरोट की तरह निषाद मछुआरा जातियों के आरक्षण व परंपरागत पुश्तैनी पेशों की बहाली की मांग की।
  उन्होंने  कहा कि निषाद कटपीस नहीं, थान वाली जातियों का समूह है। उत्तर प्रदेश की 403 में 169 सीटों पर 40 हजार से 1.20 लाख निषाद,कश्यप, बिंद मतदाता हैं।वीआइपी पूरे दमखम के साथ अपने चुनाव चिन्ह नाव से  मिशन-2022 का चुनाव लड़ेगी।आवश्यकता पड़ी तो सामाजिक न्याय आधारित दलों से गठबन्धन कर मिशन -2022 के चुनावी समर में उतरेगी।

आरक्षण अधिकार सामाजिक न्याय रैली को प्रदेश उपाध्यक्ष जगदीश नारायण निषाद, डॉ. मनोज निषाद, प्रधान प्रदेश महासचिव रामानन्द निषाद, प्रदेश महासचिव रामभरत निषाद, डॉ. समरजीत निषाद,महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती पुष्पा देवी निषाद, महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष श्रीमती रंजना साहनी,युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र बिन्द, प्रभाकर निषाद, पंचम निषाद, पुष्पेंद्र कुमार निषाद,राजकुमार बिन्द,रमेश कुमार बिन्द आदि ने सम्बोधित किया।धन्यवाद ज्ञापन व आभार प्रकाश राम अनुज निषाद ने किया।

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