अति आवश्यक है, डॉक्टर्स सटीक पता लगाएं रोगों का, फिजियोथिरैपी में योगा की भी उल्लेखनीय भूमिका

मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फिजियोथिरैपी विभाग की ओर से विश्व फिजियोथिरैपी दिवस पर पोस्टर एवं मॉडल प्रतियोगिताएं हुईं. जिसमें सेकेंड, थर्ड औरं फाइनल वर्ष के छात्र-छात्राओं ने बढ़चढ़ कर प्रतिभागिता दिखाई। बतौर मुख्य अतिथि रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा एसोसिएट डीन डॉ. मंजुला जैन और आईआईटी, रुड़की के रिटायर्ड प्रोफेसर वी. सिंह की गरिमाई मौजूदगी रही।

प्रोग्राम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलित करके हुआ। एचओडी डॉ. शिवानी एम. कौल ने पौधे भेंट कर अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. मंजुला जैन ने कहा, कोविड-19 से थोड़ा उभरनेे के बाद अब सब कुछ भौतिक अवस्था में है। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें छह माह से सर्वाइकल दर्द की शिकायत थी, लेकिन उन्हें दवाई से कोई आराम नहीं हुआ तो वह फिजियोथिरैपी की ओपीडी गयीं तो उन्हें आराम महसूस हुआ। वह बोलीं, डॉक्टर को रोगों का सटीक पता लगाना अति आवश्यक है।

आईआईटी, रुड़की के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. वी. सिंह ने कहा कि छात्रों के चार्ट एवं मॉडल वास्तव में काबिल-ए-तारीफ हैं। हमें इसी प्रकार अपने जीवन में आगे बढ़ते रहना है। एक अच्छे डॉक्टर होने का मतलब है कि वे रोगों को सुनिश्चित कर उत्तम उपचार प्रदान करें। साथ ही उन्होंने बताया कि फिजियोथिरैपी में योगा की भी उल्लेखनीय भूमिका है। उन्होंने डॉ. आदित्य शर्मा को ऑलराउंडर कहकर सम्बोधित किया। बोले, हमारे छात्र दुनिया में कहीं भी जाएं तो हमें गर्व हो कि ये टीएमयू के छात्र हैं। अन्तिम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने फिजियोथिरैपी के महत्त्व को व्यायाम के माध्यम से बताया।

इसमें उन्होंने स्ट्रेचिंग आदि व्यायाम करके दिखाया। पूर्व छात्र डॉ. हीरा शम्स ने बताया कि आप सभी भाग्यशाली हो कि टीएमयू के छात्र हो । आप यहाँ क्लिनिकल पोस्टिंग से बहुत कुछ सीख सकते हो, इसीलिए आप इसे व्यर्थ नहीं जाने दीजिए। उन्होंने कोविड में होने वाली समस्याओं और उसके उपचार हेतु विभिन्न प्रकार की फिजियोथिरैपी के स्टेप्स भी बताए। अन्त में एचओडी डॉ. शिवानी एम. कौल ने कहा, फिजियोथिरैपी प्रोफेशन बहुत ही प्रतिष्ठित क्षेत्र है। इसमें हमें 365 दिन कुछ न कुछ सीखने को मिलता ही रहता है।

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