किसान महापंचायत : बोले टिकैत- चाहे हमारी कब्र बन जाए, धरनास्थल नहीं छोड़ेंगे

मुजफ्फरनगर। किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के तत्वावधान में 15 राज्यों के 300 से अधिक किसान संगठनों ने भाग लिया, जो किसान एकता की ताकत का एक बड़ा प्रदर्शन साबित हुआ और इसमें विरोध जारी रखने के अपने संकल्प को दोहराया गया। किसानों ने सर्वसम्मति से तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में 27 सितंबर को पूर्ण भारत बंद का आह्वान किया है।

किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन तब तक चलेगा जब तक भारत सरकार चलवाएगी। जब तक वे बात नहीं मानेंगे आंदोलन चलता रहेगा। जब सरकार बातचीत करेगी तो हम करेंगे। देश में आज़ादी की लड़ाई 90 साल तक चली, यह आंदोलन कितने साल चलेगा हमें तो जानकारी नहीं है। टिकैत ने कहा कि हमारी कब्र भी बन जाए, तो कोई बात नहीं, लेकिन हम धरनास्थल पर डटे रहेंगे।

बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि यह किसानों की ताकत है और कब तक सरकारें हमें हमारे अधिकारों से वंचित करती रहेंगी। किसान अपने दम पर कई राज्यों से आए हैं और वे यहां किसी राजनीतिक दल के लिए नहीं हैं. टिकैत ने कहा कि भारत को अब बिक्री के लिए रखा जा रहा है और राष्ट्रीय संपत्ति निजी क्षेत्र को बेची जा रही है. उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों के समर्थन में अगली बैठक लखनऊ में होगी.

एसकेएम ने एक बयान में कहा कि महापंचायत आज मोदी और योगी सरकारों को किसानों, खेत मजदूरों और कृषि आंदोलन के समर्थकों की शक्ति का एहसास कराएगी। मुजफ्फरनगर महापंचायत पिछले नौ महीनों में अब तक की सबसे बड़ी होगी।

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