अफगानिस्तान में तालिबान का खौफ पूरी तरह छाया हुआ है। राष्ट्रीय टीम का हिस्सा रहीं सीमा रेजाई तख्तापलट से पहले ओलंपिक पदक का सपना देख रही थीं, लेकिन अब उन्हें अपना देश छोड़कर भागना पड़ रहा है.
यदि वह मुक्केबाजी जारी रखता है तो तालिबान ने उसके लिए मौत की घोषणा कर दी थी। इस बारे में उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया था- जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया तो मैं अपने कोच के साथ ट्रेनिंग कर रही थी। कुछ लोगों ने तालिबान को बताया कि एक लड़की एक पुरुष कोच के साथ ट्रेनिंग कर रही थी। इसके बाद तालिबान ने मुझे ट्रेनिंग बंद करने की धमकी दी नहीं तो मुझे मार दिया जाएगा।
इसके बाद रेजई ने अपने सपने को पूरा करने के लिए अफगानिस्तान छोड़ने का फैसला किया। वह अब कतर पहुंच चुकी हैं। वहां वह अमेरिकी वीजा का इंतजार कर रही है। 16 साल की उम्र में अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत करने वाली सीमा को अमेरिका में बॉक्सिंग करियर बनाने की उम्मीद है।
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