कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए संवेदनशीलता और निष्ठा से काम करें: मनोज सिन्हा

राकेश पाण्डेय
नई दिल्ली।
जम्मू के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को विस्थापित कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। जिनको अपने घर से बाहर रहने के लिए मजबूर किया गया था। कश्मीरी विस्थापित पंडित दिल्ली, मुंबई, चेन्नई व देश के अन्य भागों के अलावा विदेश में भी रह रहे हैं। 

जम्मू कश्मीर के अधिकारियों को कश्मीरी विस्थापित परिवारों तक पहुंच बनाने की व्यापक प्रक्रिया को अंजाम देना चाहिए।  आपदा प्रबंधन, पुनर्वास और पुनर्निर्माण विभाग के कामकाज की समीक्षा मे उपराज्यपाल ने कहा कि हमें पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि कश्मीरी विस्थापितों की पूरी जनसंख्या जम्मू कश्मीर सरकार के साथ पंजीकृत हो।

कई कश्मीरी पंडित बुजुर्ग हो चुके हैं और वह अपने घर वापस लौटना चाहते हैं। कुछ परिवार अच्छे तरीके से स्थापित हो चुके हैं, मगर वे अपनी मातृभूमि पर आना चाहते हैं और कश्मीरी विस्थापितों के तौर पर पंजीकृत होना चाहते हैं। 

हमें इस मुद्दे पर संवेदनशील और निष्ठा से काम करना होगा। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हजारों कश्मीरी विस्थापित पंडितों के सपने को साकार कर हकीकत में बदले और प्रशासन प्रभावी कदम उठाएं।

 उपराज्यपाल ने कहा कि कश्मीरी विस्थापितों को उनके लाभ मिलने चाहिए। विकास कार्य निर्धारित समय पर पूरे होने चाहिए।

आवासीय सुविधा का कार्य जल्द पूरे करने का आदेश

उपराज्यपाल ने कहा कि विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों को आवासीय सुविधा देने का कार्य निर्धारित समय में पूरा होना चाहिए। गांदरबल में आवासीय सुविधा का कार्य इस साल नवंबर तक पूरा हो जाना चाहिए। शोपियां में मार्च 2022 तक और बारामुला व बांडीपोरा में नवंबर 2022 तक आवासीय फ्लैट बन जाने चाहिए। अगर निर्माण कार्य में देरी के लिए कोई अधिकारी जिम्मेदार पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। कार्य के टेंडर संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा करके निकाले जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी अयोग्य व्यक्ति को लाभ न मिले। आवासीय सुविधा का अवैध तरीके से कोई फायदा न ले पाए।

विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के लिए अस्थायी सुविधा

इससे पहले आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव सिमरनदीप ङ्क्षसह ने विभाग के कामकाज की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत तीन हजार नौकरियां दी गई हैं और छह हजार फ्लैट बनाए जाने हैं। कश्मीर में विस्थापित कश्मीरी कर्मचारियों के लिए अस्थायी सुविधा का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 304 फ्लैट बनाए जा रहे हैं, जिसमें कुलगाम में 208 व बडग़ाम में 96 हैं। इसके अलावा गांदरबल, बांडीपोरा, बारामुला, कुपवाड़ा में 1200 फ्लैट बन रहे हैं। सात अन्य जगहों पर 2744 फ्लैट बनाने के लिए जगह की पहचान की जा रही है।

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