चुनाव आयोग का राज्यों को सख्त निर्देश, जीत के जश्न को तुरंत रोकें और FIR दर्ज करें

नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों के रुझान आने के बाद राजनीतिक दल के कार्यकर्ता सड़कों पर जश्न मनाते दिख रहे हैं. इस पर चुनाव आयोग ने कहा है कि जीत पर जश्न मनाने के लिए इक_ा हो रही भीड़ को लेकर गंभीर संज्ञान लिया गया है. चुनाव आयोग ने सभी पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी मामलों में एफआईआर दर्ज करें. आयोग ने संबंधित इलाकों के थाना प्रभारी को सस्पेंड करने और ऐसी घटनाओं को लेकर की गई त्वरित कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा है.

चुनाव आयोग ने अपने एक आदेश में राज्यों में मतगणना के दौरान या उसके बाद सभी तरह की विजयी जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया था. आदेश के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह फैसला लिया गया. गिनती की प्रक्रिया के दौरान काउंटिंग सेंटर के बाहर किसी तरह की जनसभा की अनुमति नहीं है.
पश्चिम बंगाल में मतगणना के शुरुआती रुझानों में तृणमूल कांग्रेस को मिली भारी बढ़त के बाद कई जगहों पर पार्टी समर्थक जश्न मनाते और पटाखे फोड़ते दिखे. आसनसोल में पुलिस अधिकारी टीएमसी समर्थकों को रोकते नजर आए. कोलकाता के कालीघाट में भी पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर बिना मास्क के जश्न मनाते दिखे. वहीं तमिलनाडु में डीएमके की बढ़त के बाद चेन्नई में पार्टी कार्यकर्ता जश्न मनाते दिख रहे हैं.
चुनाव आयोग की ओर से मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया था, ''पूरे देश में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर आयोग ने फैसला किया है कि मतगणना के दौरान अधिक सख्त प्रावधानों पर अमल किया जाए. दो मई को मतगणना के बाद किसी भी विजय जुलूस को निकालने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जीत का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए विजेता उम्मीदवार या उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति के साथ-साथ दो से अधिक लोगों के पहुंचने की अनुमति नहीं होगी.
इससे एक दिन पहले ही मद्रास हाई कोर्ट ने चुनावों के दौरान कोविड-19 से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन कराने में विफल रहने को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ सख्त रुख दिखाया था. अदालत ने कहा था कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आने के लिए चुनाव आयोग एकमात्र जिम्मेदार संस्था है. हाई कोर्ट ने आयोग को 'सबसे गैरजिम्मेदार संस्था' करार देते हुए कहा था कि इस अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा चलाया जा सकता है.
मतगणना से मिल रहे रुझानों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस बहुमत हासिल करती दिख रही हैं. वहीं तमिलनाडु में द्रविड़ मुनेत्र कषगम 10 सालों के बाद राज्य में वापसी करती नजर आ रही है. केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (रुष्ठस्न) अच्छी बढ़त बना चुकी है. वहीं असम में बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन आगे है.

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