कोरोना कर्फ्यू से आम जनता पर महंगाई की मार

भोपाल। कोरोना कर्फ्यू में दुकानें बंद है, इस बंदी की आड़ में थोक व्यापारियों की चांदी कट रही है। आम आदमी के प्रयोग में हर दिन आने वाले सामान को महंगा कर दिया है। सरसों का तेल, अरहर, मटर, मसूर व मिर्च मसाले, आटा आदि में सवा गुना से अधिक रेट बढ़ा दिया गया है। बीड़ी, तंबाकू, मसाला, गुटखा आदि के सामानों में इजाफा किया गया है।

कोरोना काल में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बाद अब तेल-साबुन के बढ़ते दाम ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। पिछले साल लॉकडाउन और महामारी की मार से किचन बजट पर उतना असर नहीं देखने को मिला था, जितना इस साल देखने को मिल रहा है। सब्जियों और फलों की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी के बाद अब खाद्य तेलों के दाम में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है। दाल से लेकर अंडे तक के भाव बढ़ चुके हैं। 15 दिनों में तेजी से बढ़े दाल के भाव - अगर दाल की ही बात करें तो बीते 15 दिनों में इसमें बड़ इजाफा देखने को मिल रहा है।

अरहर की दाल करीब 100 रुपए प्रति किलोग्राम थी, वो आज 140 रुपए बिक रही है। इसी प्रकार उड़द की दाल का भाव भी 15 दिन में 115 रुपए से बढ़कर 170 रुपए किलोग्राम तक पहुंच चुकी है। मसूर की दाल का भाव 70 रुपए प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब 90 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है। खाद्य तेल के दाम बड़े - इसी प्रकार खाने के तेल का दाम भी बड़ा है। बीते 15 दिन में खाद्य तेलों के दाम में 40 रुपए प्रति लीटर तक का इजाफा हुआ है। सरसों का तेल 15 दिन पहले 170 रुपए प्रति लीटर पर था, लेकिन अब यह बढ़कर 210 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच चुका है। इसी प्रकार रिफाइंड के दाम में भी 25 रुपए तक का इजाफा हुआ है। बीते एक साल में पाम तेल का भाव करीब दोगुना तक बढ़ा है। वहीं कारण है कि अब स्नैक्स बनाने वाली कंपनियां अपने पैकेज्ड फूड आइटम के दाम में इजाफे  को मजबूर हैं। एफएमसीजी सेक्टर की कंपनियों में भी पाम तेल की बचत होती है। इससे साबुन तक के दाम में 12 फीसदी तक इजाफा होने का अनुमान है।

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