भारत की उम्मीदों को झटका, कैरेबियाई सुप्रीम कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर लगाई रोक

भारत की उम्मीदों को झटका, कैरेबियाई सुप्रीम कोर्ट ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण पर लगाई रोक

नई दिल्ली-डीवीएनए। पूर्वी कैरेबियाई सुप्रीम कोर्ट ने भारत में जन्मे भगोड़े मेहुल चोकसी के डोमिनिका से प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी। स्थानीय समयानुसार करीब 9 बजे कोर्ट आज फिर इस मामले पर सुनवाई करेगा। डोमिनिका में चोकसी के वकील वेन मार्श ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें उनके मुवक्किल से मिलने नहीं दिया जा रहा है। 27 मई को ही उन्हें चोकसी से बात करने की इजाजत दी गई थी।
वकील ने बताया कि मेहुल को बुरी तरह पीटा गया था, उनकी आंखें सूजी हुई थीं और शरीर पर कई जलने के निशान थे। वहीं, डोमिनिका लिंकन कॉर्बेट के कार्यवाहक पुलिस प्रमुख ने बताया कि पीएनबी घोटाले में भारत में वांछित भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत नहीं बल्कि एंटीगुआ वापस भेजा जाएगा। फिलहाल, चोकसी डोमिनिका पुलिस की कस्टडी में है और उससे पूछताछ की जा रही है। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका बंदी या हिरासत में लिए जाने के खिलाफ नागरिकों के पास एक हथिहार है जो नागरिकों को अपने हितों की रक्षा का लिए कोर्ट में जज के पास जाने का शक्ति प्रदान करता है। हालांकि, यह साबित करना होगा कि उसने कोई गैर-कानूनी काम नहीं किया है।
मेहुल चोकसी के डोमिनाका में वकील वेन मार्श ने कहा कि यह न्याय का उपहास है क्योंकि चोकसी कानूनी प्रतिनिधित्व का हकदार है, चाहे वह एंटीगुआ में हो या डोमिनिका में। वहीं, भारत में चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल (मेहुल चोकसी) को जॉली हार्बर से कई लोगों ने उठाया था, जहां उनके अचानक लापता होने के बाद उनकी कार मिली थी और फिर उन्हें डोमिनिका ले जाया गया।
चोकसी के डोमिनिकाई वकील वेन मार्शे ने कहा कि मैंने पाया कि उसे (मेहुल चोकसी) बुरी तरह पीटा गया था, उसकी आंखें सूजी हुई थीं और उसके शरीर पर कई जले हुए निशान थे। उसने मुझे बताया कि एंटीगुआ के जॉली हार्बर में उसका अपहरण कर लिया गया था और उन लोगों द्वारा डोमिनिका लाया गया था जिन्हें वह भारतीय मान रहा था। एंटीगुआ पुलिस का मानना है कि उसे किडनैप कर एक जहाज पर ले जाया गया था, जो लगभग 60-70 फीट लंबा था।
चोकसी के डोमिनिका में पकड़े जाने के बाद एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउनी ने कहा कि उन्होंने डोमिनिका को मेहुल चोकसी को सीधे भारत को सौंपने के लिए कहा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि आखिरकार, यह डोमिनिका सरकार का संप्रभु निर्णय है कि वे किस देश में मेहुल चोकसी को वापस भेजते हैं, जब तक कि कोर्ट अपना फैसला न दे दे।

Post a Comment

0 Comments