ब्लैक फंगस से होने वाली मौतों का जिम्मेदार कौन?

इंदौर। ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या में दिनों दिन बढ़ रही है। महत्वपूर्ण इंजेक्शन की कमी के कारण निजी अस्पताल वाले भी इलाज नहीं करा पा रहे हैं। इधर इन इंजेक्शन की जानकारी सरकार ने मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर संजय दीक्षित को सौंपी है। लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रहे हैं। इंजेक्शन को लेने वाले इनके कार्यालय के बाहर सुबह से रात तक खड़े रहते हैं लेकिन उन्हें इंजेक्शन नहीं मिलता है। जबकि इन्हें एक फॉर्म पर हस्ताक्षर करके देना होते हैं।

इस बीच मरीज की हालत इतनी गंभीर हो जाती है कि डॉक्टर उसे बचा नहीं पाते हैं। इन मौतों का जिम्मेदार मेडिकल कॉलेज डीन, चिकित्सा शिक्षा मंत्री यह सिस्टम को ठहराया जाए जो लापरवाही बरत रह हैं। इसे लेकर समाजसेवी नितिन रघुवंशी जल्द ही सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के बाहर धरने पर बैठने वाले हैं। क्योंकि इस अस्पताल से ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हुई थी, यहां तक कि मरीज को भर्ती करने के लिए छ: हजार रुपए दिए गए थे। इन सब बातों को लेकर नितिन रघुवंशी यह मांग करेंगे कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के जिम्मेदार, मेडिकल डीन को तत्काल उनके पद से हटाया जा सके।

नितिन रघुवंशी ने बताया कि डीएनएच अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक मरीज भर्ती है उसे इंजेक्शन की जरूरत थी, मैंने उसे मेडिकल डीन डॉक्टर दीक्षित के पास पहुंच गए डॉक्टर द्वारा दिए गए फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से उस फॉर्म से ही इंजेक्शन मिलता है। लकिन वह इनके कार्यालय के बाहर सुबह से रात तक बैठा रहा, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हुई इसे लेकर मैंने प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि मैं क्या करूं डीन मेरा भी नहीं फोन उठा रहे हैं मुझे भी बहुत जरूरी काम है। सचिव लोक स्वास्थ्य ने डीन को सौंपी है। जिम्मेदारी इधर ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एंटीफंगल इंजेक्शन की सप्लाई की जिम्मेदारी प्रदेश के समस्त संभागायुक्त और डीन को सौंपी गई है। इसके लिए सचिव स्वास्थ्य परिवार कल्याण आकाश त्रिपाठी ने सब को पत्र लिखकर अवगत भी करा दिया है। अगर अब इन इंजेक्शन की कमी किसी भी अस्पताल में हो तो वह सीधे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित के कार्यालय में जाकर मिल सकता है।

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