पत्नी की चौखट पर पति ने दिया धरना, 6 साल से विवाद के चलते मायके में है पत्नी

दानिश उमरी
आगरा।
ताजनगरी में जहां लोग लॉक डाउन की वजह से अपने घरों में रहना ठीक समझ रहे हैं। वहीं एक प्रतान्डित पति अपनी पत्नी को वापस ले जाने के लिए ससुराल के बाहर धरने पर बैठ गया है। पति का कहना है कि वो हर कीमत पर या तो पत्नी को  लेकर जाएगा या फिर फैसला करके जाएगा।लड़की पक्ष मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है।पुलिस मामले की जानकारी न होने की बात कह रही है।

मामला थाना जगदीशपुरा के सुलहकुल नगर का है।यहां जयपुर निवासी अविनाश वर्मा नामक युवक अपनी ससुराल के बाहर दो दिन से धरने पर बैठा है।जमीन पर बैठा देख पड़ोसी ने उसे एक कुर्सी दे दी है और दो दिन से युवक कुर्सी पर बैठा हुआ है।युवक का कहना है कि पिछले छः वर्षों से पत्नी अकारण अपने घर से  बहाने बनाकर ससुराल वापस नहीं आ रही है।अब वो या तो पत्नी को लेकर जाएगा या अंतिम फैसला करके जाएगा।उसके आने पर पत्नी बहाने से कहीं रिश्तेदारी में चली गयी है।लगातार पत्नी आकर बात करने की बात कह रही है पर आ नहीं रही है,इसलिए वो धरने पर बैठा हुआ है।

 ब्यूटी पार्लर के बहाने ससुराल से  मायके भागी थी पत्नी

बातचीत करने पर युवक अविनाश वर्मा ने बताया कि उसकी शादी 2 मई 2015 को आराधना  से हुई थी।एक साल बाद 2 मई 2016 को पत्नी ने शादी की पहली सालगिरह पर घर पर छोटी सी दावत का आयोजन किया।दोपहर में पत्नी ब्यूटीपार्लर गयी और दिन भर मेकअप का बहाना बताकर खुद के पार्लर में होने की बात कहती रही।रात होने पर जब फोन पर बात की तो उसने अभद्रता करते हुए खुद के मायके आ जाने की बात कही।

छः साल में तलाक और दहेज मुकदमे तक पहुंच गया रिश्ता

अविनाश के अनुसार पत्नी के मायके जाने के बाद कई बार उसे समझा बुझा कर लाने का प्रयास किया पर वो हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर बाद में आने का वादा करती और घर नहीं आती।इस बीच उसने मानवाधिकार आयोग का नोटिस भेज दिया।मेरी तरफ से सेक्शन 9 में कार्यवाही की गई।जब वो तब भी साथ रहने नहीं आई तो मैंने तलाक का नोटिस भेज दिया।बदले में उसने परिवार के साथ मिलकर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करवा दिया।अभी भी पत्नी पक्ष द्वारा कोई जवाब नहीं मिल रहा है,न वो  तलाक दे रहे हैं न साथ रहने को तैयार हैं।

छह साल से बेरोजगारी और डिप्रेशन का शिकार है युवक

अविनाश वर्मा के अनुसार पत्नी के जाने के बाद तनाव बढ़ने पर वो मानसिक बीमार हो गया और अभी भी उसकी दवाएं खानी पड़ रही हैं।अच्छी भली कंपनी में अकाउंटेंट की नौकरी छूट गयी और  पिछले छह साल से बेरोजगारी का शिकार हो गया हूँ। पुलिस को इस मामले की कोई जानकारी नहीं है न किसी भी तरफ से कोई प्रार्थना पत्र आया है।

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