स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की कमी, कोरोना से निपटने के लिये सिर्फ हवा में भांज रहे तलवार!

विनोद मिश्रा
बांदा।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बीच प्रशासनिक अमले के साथ स्वास्थ्य अधिकारी व्यवस्थाओं में जुटे हैं।दर्द यह है की पैरामेडिकल वर्करों स्टाफ नर्सो आदि की बेहद कमी है, पर इनकी कमी को दूर करने की बजाय कोरोना संक्रमण से निपटने के लिये स्वाथ्य विभाग सिर्फ हवा में तलवारें भांज रहा है। एक मोटी सी बात आखिर समझ में क्यों नहीं आती की कोरोना से निपटने के लिए अन्य जरूरी व्यवस्थाओं के साथ चिकित्सा से जुड़े स्वास्थ कर्मचारियों की नियुक्ति अत्यंत जरूरी है। जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने जिला चिकित्सालय के पुरुष, महिला वार्ड के साथ ही एल-2 कोविड अस्पताल का जायजा लिया। व्यवस्थाओं को जांचने के साथ शिफ्टवार चिकित्सकों की ड्यूटी लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी हालत में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने पाए।

निरीक्षण के दौरान सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में 24 बेड एवं महिला वार्ड में 23 बेड क्रियाशील हैं। ज्यादातर ऑक्सीजन युक्त हैं। एल-2 कोविड अस्पताल में दो सौ आइसोलेशन बेड़ क्रियाशील हैं, जिसमें 15 आइसीयू बेड भी सम्मिलित हैं। डीएम ने सभी वार्डों को मानक के अनुरूप क्रियाशील कराने के निर्देश देते हुए कहा कि शिफ्टवार चिकित्सकों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. यूबी सिंह भी मौजूद रहे।

निरीक्षण के बाद डीएम आनंद कुमार सिंह ने एल-3 कोविड अस्पताल राजकीय मेडिकल कॉलेज में समीक्षा बैठक भी की। प्राचार्य डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि वर्तमान में आक्सीजन के डी टाइप के 223 एवं पांच बी टाइप सिलिडर भरे हुए हैं। डी टाइप के सौ सिलिडर प्रतिदिन कानपुर से भरकर आते है। डीएम ने ऑरक्सीजन की उपलब्धता की प्रतिदिन जानकारी देने के निर्देश दिए। अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे को निर्देश दिए कि उपलब्धता एवं निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित रखने के लिए जरूरी कार्रवाई करते रहें। आक्सीजन की कमी किसी भी दशा में न होने पाए।

प्राचार्य डॉ. मुकेश यादव ने बताया कि वर्तमान में 171 मरीज भर्ती हैं। जिसमें 14 मरीज आइसीयू व वेंटिलेटर में भर्ती हैं। आश्चर्य यह है की प्रत्येक 20 मरीज पर एक चिकित्सक तैनात किया गया है।स्टाफ नर्स की कमी क्यों नहीं डीएम से उजागर की गई। हालांकि डीएम ने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेज में मरीज आने पर पहले रैपिड एंटीजेन टेस्ट अनिवार्य रूप से कराया जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) एमपी सिंह, एसडीएम सदर सुधीर कुमार, सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा, मेडिकल कॉलेज के आइसीयू वार्ड प्रभारी डॉ. सुनील कुमार आर्या, डॉ. एसके कौशल, डॉ. विनोद कुमार यादव, डॉ. अभाष कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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