मेडिकल कॉलेज में चार दिन में 49 मौतें, ऑक्सीजन के लिए मची लूट!


विनोद मिश्रा

बांदा। ऑक्सीजन की कमी कहें या अन्य कोई वजह, फिलहाल चित्रकूटधाम मंडल के एकलौते राजकीय मेडिकल काॅलेज में पिछले चार दिनों में करीब 49 मरीजों (कोविड/पोस्ट कोविड) की जान चली गई। इसका खुलासा मेडिकल काॅलेज प्रशासन द्वारा जारी रिपोर्टों में हुआ।

कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर में यकायक बढ़े मौतों के इस ग्राफ से हर कोई हैरान और परेशान है। मृतकों के परिजन जहां राजकीय मेडिकल कालेज में व्याप्त अव्यवस्थाओं पर ठीकरा फोड़ रहे हैं, तो वहीं मेडिकल कालेज प्रशासन मौतों की वजह कोविड के साथ दूसरे मर्जों को भी बता रहे हैं।

चित्रकूटधाम मंडल के इकलौते कोविड एल-3 अस्पताल/मेडिकल काॅलेज में चारों जिलों बांदा, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट के गंभीर कोरोना संक्रमितों को भर्ती किया जा रहा है। शनिवार को कालेज प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, यहां अब तक 130 मौतें हुईं। इनमें 113 कोविड संक्रमित और 17 पोस्ट कोविड (संक्रमित के बाद निगेटिव) मौतें शामिल हैं।

इनमें सबसे ज्यादा 86 मौतें (कोविड/पोस्ट कोविड) बांदा की दर्ज हैं। चित्रकूट की 19, महोबा की 13 और हमीरपुर की 12 मरीजों की मौत शामिल है। सिर्फ चार दिनों में लगभग 49 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उधर, मृतक मरीजों के परिजनों में खासा आक्रोश है।

मौतों के लिए राजकीय मेडिकल काॅलेज में अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार बता रहे हैं। कटरा के धीरज ने कोरोना में अपने पिता को गवां दिया। उनका आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी से मौतें ज्यादा हो रही हैं। ऑक्सीजन सिलिंडर के लिए तीमारदारों में लूटमार मचती है।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ भर्ती मरीजों ने बताया कि फ्लो मीटर न होने से ऑक्सीजन नहीं लग पा रही है, जिससे मरीजों की जान पर बन रही है। दूसरी तरफ प्रधानाचार्य डा. मुकेश कुमार यादव का कहना है कि फेफड़ों के साथ हार्ट भी प्रभावित हो रहा है। इससे मौतें ज्यादा हो रही हैं। कुछ मृतक पहले से बीमार थे। यह भी बताया कि प्रत्येक मौत पर जिला स्तर और राज्य स्तर पर ऑडिट हो रहा है।

Post a Comment

0 Comments