खबर के असर का रंग : DM ने बेसिक शिक्षा अधिकारी की "कायाकल्प" में ली क्लास

विनोद मिश्रा
बांदा।
प्ररिषदीय स्कूलों के हालात फिसड्डी होने से डीएम आनन्द सिहं खफा है। शासन की कायाकल्प योजना पूर्ण रूप से अमली जामा नहीं पहन पाई।डीएम साहब नें योजना पूरी करनें के लिये पंद्रह दिन का मौका दिया है, अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। हमने कायाकल्प योजना की विफलता पर पिछले माह लिख कर डीएम का ध्यान आकृष्ट किया था उसपर डीएम नें बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देश दिये थे, फिर भी अनदेखी। इस पर डीएम का तैश में आना स्वाभाविक ही है।

आपको पुनः बता दें की शासन द्वारा निर्धारित 14 सुविधाओं से परिषदीय स्कूलों को लैस करने की कायाकल्प योजना परवान नहीं चढ़ पा रही। जिले के 1534 स्कूलों में यह योजना पूरी नहीं हो पाई। जिलाधिकारी ने इसके लिए 15 दिन की मोहलत देते हुए इस अवधि में सभी बिंदुओं की सुविधाएं लागू करने के निर्देश दिए हैं।

जिले के 1729 परिषदीय विद्यालयों (शहरी व ग्रामीण) में अब तक सिर्फ 195 विद्यालयों को ही कायाकल्प योजना से सजाया और संवारा गया है। पहले यह काम ग्राम पंचायत निधि और नगर पालिका परिषद द्वारा कराया जाना था। अब इसे कंपोजिट ग्रांट से कराया जा रहा है।

योजना में हो रही लेटलतीफी को लेकर डीएम आनंद कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर 15 दिन के अंदर सभी विद्यालयों में इस योजना के सभी कार्य कराने के सख्त निर्देश दिए हैं।

इसी के मद्देनजर विद्यालयों में काम शुरू कराया है। ब्लॉक वार अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है। बीएसए हरिश्चंद्र नाथ ने बताया कि कंपोजिट ग्रांट से विद्यालयों में काम शुरू है। जिलाधिकारी के निर्देश के बाद काम में तेजी आई है। सिर्फ दिव्यांग सुलभ शौचालय का मॉडल स्वीकृत न होने से यह सुविधा फिलहाल विद्यालयों में नहीं है।

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