श‍िक्षा जगत में पूरी तरह से बदलाव लाएगी नई शिक्षा नीति

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस नई नीति की मंजूरी पर मुहर लगा दी गई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश को सशक्त बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगी। इसके लिए व्यापक चर्चा हुई है।

यह शिक्षा दुनिया में एक पूर्ण परिवर्तन लाने के लिए लाई गई है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। यह समझें कि नई शिक्षा नीति में 10 + 2 प्रारूप को पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया है।

10 + 2 से 5 + 3 + 3 + 4 प्रारूप में विभाजित। इसका मतलब यह है कि अब स्कूल के पहले पांच वर्षों में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा 1 और कक्षा 2 शामिल होंगे। फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा, उसके बाद तीन मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और चार साल के माध्यमिक चरण (कक्षा 9 से 12) के अलावा, स्कूलों में कला के अलावा, वाणिज्य, विज्ञान स्ट्रीम के लिए कोई सख्त पालन नहीं होगा, छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें ले सकते हैं ।

नई शिक्षा नीति के कुछ खास बिंदु-
शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षकों को भी जागरूक करने पर जोर दिया।
-प्रत्येक छात्र की क्षमताओं का चयन करना प्राथमिकता होगी।
- वैचारिक समझ पर जोर, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देगा।
छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई नहीं होगी।
नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा होगा।

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