आज को दौर में अगर कोई शख्स 55-60 साल का हो जाए तो उसे बूढ़ा मानने लगते हैं. उसके चेहरे की झुर्रियां, झुकी कद-काठी और मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन इस बात की गवाही देते हैं. मगर भारत का ही एक कोना ऐसा है जहां के लोग 75-80 वर्ष के भी हो जाएं तो बूढ़े नहीं लगते. यहां रहने वाली महिलाएं 65 वर्ष की उम्र में भी गर्भवती हो सकती हैं.
पाक अधिकृत कश्मीर में गिलगित-बाल्टिस्तान के पहाड़ों के बीच बसे गांव में हुंजा जनजाति के लोग रहते हैं. इनकी औसत उम्र 110 से 120 वर्ष की होती है. कुछ लोग तो 150 वर्ष तक जीते हैं. यहां रहने वाले लोग 70 वर्ष की उम्र में भी 20 वर्ष के नौजवान जैसे दिखते हैं. वहीं पुरुष 90 वर्ष की उम्र में भी पिता बन सकते हैं.
इनकी यह खासियत उस वक्त चर्चा में आई जब इसी समुदाय के सईद अब्दुल मोबुदु को देख लंदन में इमिग्रेशन ऑफिसर धोखा खा गए. पूछताछ के दौरान जब इस शख्स ने बताया कि उसका जन्म 1832 में हुआ तो उसका चेहरा और शरीर देख यकीन करना मुश्किल हो गया कि वह इतना युवा कैसे दिख सकता है.
इनकी लंबी उम्र का मुख्य कारण है सेहतमंद जीवनशैली. यहां रहने वाले लोग वही खाना खाते हैं जो खुद उगाते हैं. हुंजा जनजाति के लोग खुबानी और धूप में सुखाए अखरोट खूब खाते हैं. अनाज में ये जौ, बाजरा और कुट्टु खाते हैं. ये सिर्फ 2 वक्त का खाना खाते हैं.
बताया जाता है कि हुंजा जनजाति के लोग सिकंदर के अग्रज हैं. दुनिया जीतने निकला सिंकदर जब भारत फतह करने पहुंचा तो उसके साथ आए कुछ लोग यही रह गए. ये अपने समुदाय में ही शादी करते हैं.
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