जल्द हीं कपड़े बनाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया जाएगा। नीदरलैंड के एक स्टार्टअप ने इस प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। दरअसल इस प्रकिया के तहत, गाय के गोबर में सेल्युलोज पाया जाता है, जिससे फेब्रिक बनाया जाएगा। बनने वाले फेब्रिक से हर तरह के ड्रेस तैयार किए जाएंगे जिसका ट्रायल किया जा चुका है। इस प्रक्रिया से अबतक बायो-डिग्रेडेबल प्लास्टिक और पेपर बनाकर पहले हीं यह स्टार्टअप लैब कामयाबी हासिल कर चुका है। बताते चलें कि यह स्टार्टअप बायोआर्ट लैब नीदरलैंड की जलिला एसाइदी चलाती हैं। नीदरलैंड के इस इनोवेशन के लिए इन्हें दो लाख डॉलर का चिवाज वेंचर ऐंड एचएंडएम फाउंडेशन ग्लोबल अवॉर्ड भी दिया गया है।
अपने इस इनोवेशन के विषय में जलिला एसाइदी ने बताया कि इसे फ्यूचर फैब्रिक की तरह देखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि दरअसल हम गोबर को एक वेस्ट मटीरियल के रूप में देखते आए हैं। हमें इस प्रक्रिया को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।
जलिला एसाइदी ने बताया कि दरअसल सेल्युलोज बनाने की प्रक्रिया कैमिकल और मकैनिकल होती है। प्रक्रिया को समझाते हुए उन्होंने बताया कि जो गोबर और गोमूत्र हमें मिलता है उसमें 80% जल रहता है। ऐसे में गीले और सूखे हिस्से को अलग अलग किया जाता है। इसके बाद गीले हिस्से के सॉल्वेंट से सेल्युलोज के तहत फर्मेंटेशन के लिए भेजा जाता है। सूखे हिस्से में ज्यादातर हिस्सा घांस और मक्के होते हैं जो गाय के पेट से हीं फाइबर के रूप में नरम बनने की प्रक्रिया में आ जाते हैं। ऐसे में सामान्य कपड़ा उद्योग से यह प्रक्रिया कहीं ज्यादा आसान और असरदार हो सकती है। बतादें कि जलिला एसाइदी फिलहाल इस प्रोजेक्ट पर 15 किसानों के साथ काम कर रही हैं। उनका प्लान साल के अंत तक औद्योगिक स्तर पर मैन्योर रिफाइनरी यूनिट शुरू करना है।
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