जानिए एक ऐसा समाज जहां बच्चे होने के बाद ही की जाती है शादी

विवाह दो व्यक्तियों को धार्मिक तथा कानूनी रूप से एक साथ रहने के लिए प्रदान सामाजिक मान्यता है। विवाह मानव-समाज की अत्यंत महत्वपूर्ण प्रथा या समाजशास्त्रीय संस्था है। यह समाज का निर्माण करने वाली सबसे छोटी इकाई परिवार का मूल है। यह मानव प्रजाति के सातत्य को बनाए रखने का प्रधान जीवशास्त्री माध्यम भी है।
# 'विवाह' शब्द का प्रयोग मुख्य अर्थ क्रिया, संस्कार, विधि या पद्धति है; जिससे पति-पत्नी के 'स्थायी'-संबंध का निर्माण होता है। हमारे समाज में पति और पत्नी विवाह के बाद शारीरिक सम्बन्ध बनाने के लिए स्वतंत्र होते है। लेकिन कई जगह अभी भी ऐसी है जहां शादी से पहले बच्चे पैदा किये जाते है। 
# भारतीय समाज भले ही लिव-इन को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रही हो, लेकिन राजस्थान में गरासिया जाति के लोग पिछले 1000 साल से ऐसा करते आ रहे हैं। गरासिया समाज में धारणा है कि इनके परिवारों में किसी ने बच्चा पैदा करने से पहले शादी की तो बाद में संतानें नहीं होंगी।
# इस समाज के लोग राजस्थान और गुजरात में दो दिन का 'विवाह मेला' भी लगाते है, जिसमें जवान लड़के-लड़कियां एक-दूसरे से मिलते हैं। लड़के-लड़कियां बिना शादी के साथ रहते है और संबंध बनाते हैं। बच्चे पैदा होने के बाद ही वे कभी भी शादी कर सकते हैं।

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