इस तरह ये इंसान शादी के 6 बरस बाद बन गया औरत

ट्रांस जेंडर की भी एक अलग जिंदगी होती है। नो भी चाहते है कि एक साधारण इंसान की जिंदगी जीयें। यह विज्ञान के कारण मुमकिन हो गया है। रायपुर में अंबेडकर अस्पताल, डीकेएस सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल और चेन्नई के सर्जन ने मिलकर शुक्रवार को इतिहास रच दिया। सुप्रीम-कोर्ट की सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) पर 2014 में जारी नई रिवाइज्ड गाइड-लाइन के बाद देश में पहली सफल एसआरएस सर्जरी यहां हुई। 
# इस सर्जरी ने एक ऐसे ट्रांस जेंडर की जिंदगी बदल दी, जो शादी के बाद 6 साल तक ट्रांस जेंडर की जिंदगी जी रहा था। अब वह महिला बन चुका है। सबसे खास बात यह है कि उसके पति ने एसआरएस सर्जरी के फॉर्म पर साइन किए। सर्जरी के बाद इस शख्स ने कहा- ‘मैं खुश हूं, अच्छा महसूस कर रहा हूं।’ अब शनिवार को दूसरे ट्रांस जेंडर की सर्जरी होगी।
# दोपहर 12 बजे रूबी (बदला हुआ नाम) को ओटी में ले जाने के पहले पश्चिम बंगाल से आए मनोचिकित्सक डॉ. अनिंद्या रे ने उसकी काउंसिलिंग की। जब डॉ. रे संतुष्ट हो गईं तब उसे ओटी में ले जाया गया। चेन्न्ई से एसआरएस सर्जन डॉ. वेकरमन जयरामन, अंबेडकर अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉ. दक्षेष शाह और उनकी टीम ने करीब 1.30 बजे सर्जरी शुरू की, जो 4 बजे तक चली।
# सर्जरी शुरू होने से पहले चर्चा में डीएमई डॉ. अशोक चंद्राकर, डीकेएस अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता, अंबेडकर अस्पताल के मेडिसीन, हड्डी रोग, स्त्रीरोग, सर्जरी रोग विभागाध्यक्ष समेत डॉक्टर-प्रोफेसर्स मौजूद रहे। डॉ. चंद्राकर, डॉ. गुप्ता, डॉ. शाह ने इसे अंबेडकर, डीकेएस हॉस्पिटल के लिए बड़ी उपलब्धि बताया।

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