सुहागरात को दाम्पत्य जीवन की आधारशिला माना गया है। वैसे तो आजकल किसी को कुछ समझाने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आजकल इंटरनेट ने समाज को काफ़ी खुलापना प्रदान किया है। लेकिन शादी के बाद जब सहवास की पहली रात आती है तो स्त्री व पुरुष दोनों में ग़लत जानकारियों के चलते एक भ्रम बना रहता है।
सुहागरात के खास टिप्स:
# मन का डर: सुहागरात में या पहली बार सेक्स के दौरान बहुत ज़्यादा दर्द होता है, ख़ून गिरता है। लड़के के सामने पहली बार सेक्स का अनुभव के आधार पर कल्पना एक चुनौती बनकर खड़ी हो जाती है।
# झिल्ली कौमार्यता का प्रमाण: यहाँ यह भी बताना आवश्यक है कि यह झिल्ली कौमार्यता का प्रमाण नहीं है। स्कूल में खेल-कूद या साइकिल चलाने के दौरान भी यह फट सकती है। इसलिए इसे कौमर्याता का प्रमाण न मानें और अपनी स्त्री साथी पर पूरा भरोसा रखें।
सहवास का सुख: सेक्स से मिलने वाला आनंद इस दर्द से कहीं बहुत ज़्यादा होता है, लेकिन यदि ख़ून गिरने व दर्द होने का भय लड़की को सता रहा है तो सेक्स का आनंद नहीं मिल पाता और सुहागरात ख़राब हो जाती है।
# प्यार चाहती है स्त्री: पुरुष साथी को भी यह पता होना चाहिए कि लड़की दूसरे घर से आई है। अभी उसका इस परिवार से कोई तालमेल नहीं है। इसलिए सुहागरात में जब कमरे में प्रवेश करें तो सबसे पहले उसे प्यार दें।
# रौशनी रखें: जब पहली बार सेक्स कर रहे हों तो कमरे की लाइट बुझानी नहीं चाहिए। कमरे में अंधेरा नहीं होना चाहिए। इससे दोनों एक-दूसरे जननांगों के बारे में जान-समझ सकेंगे।
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