हस्थमैथुन करने वाली महिलाओ को होते है यह नुकसान

हस्थमैथुन महिलाओ और पुरुषो द्वारा की जाने वाली एक आम शारीरक क्रिया है. आम तौर पर 12 से 13 वर्ष की उम्र में यह क्रिया शुरू हो जाती है. जिसे महिला और पुरुष सामान तौर पर अपनी उत्तेजना को शांत करने के लिए करते है. आज हम बात करेंगे महिलाओ द्वारा किये जाने वाले हस्थमैथुन की और इससे होने वाले नुकसानों की. शायद कुछ लोगो को जानकर हैरानी हो लेकिन यह बिलकुल सच है की महिलाए भी नियमित रूप से हस्थमैथुन करती है. जिससे कई तरह के नुकसान होते है. आज हम कुछ ऐसे ही नुकसानों के बारे में बताने जा रहे है.
पति से संबंधों पर प्रभाव: किशोरावस्था में हस्थमैथुन करने वाली महिलाए अपने पति के साथ सम्बन्ध स्थापित करने को लेकर सजग नहीं रहती है. जिस वजह से उनके रिश्तो में तनाव आजाता है.
तनाव: ज्यादातर महिला को हस्थमैथुन की लत सी लग जाती है. जिसका असर तनाव के रूप में सामने आने लगता है. ऐसी महिलाओ को अकेलेपन की आदत सी हो जाती है.
हीमेच्‍यूरिया: यह महिलाओ में होने वाली एक तरह की बीमारी है. जो हस्थमैथुन करने से होती है. इस बीमारी में महिलाओ यूरीन गाढ़ी हो जाती है और उसमें से गंध आने लगती है. साथ ही महिलाओ को कमजोरी और खून की कमी भी होने लगती है.
गुप्‍तांग में सूखापन: महिलाओ द्वारा ज़रूरत से हस्थमैथुन करने पर पीरियड, मासिक धर्म अथवा मेंसुरेशन साइकिल संबंधी परेशानी आने लग जाती है. इसके अलावा गुप्‍तांग में सूखापन आ जाता है और वहां खुजली एवं दर्द जैसी समस्याए भी होने लगती है.

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