वेश्यालय आए कहां से?
इसके बहुत सारी बातें सामने आई है, जिनमें से अधिकतर लोगों का यही मानना है कि पहले के समय में इन स्थानों पर सिर्फ नाच-गाना होता था। लेकिन तब इसे कला की दृष्टि से देखा जाता था पर समय बीता और कला की जगह इस अभिशाप ने ली। भारत के कई जगहों पर आज भी नवयुवतियां इस अभिशाप का कहर ढाह रही है. जिसमे से एक है कोलकाता का सोनागाछी।
इसके बहुत सारी बातें सामने आई है, जिनमें से अधिकतर लोगों का यही मानना है कि पहले के समय में इन स्थानों पर सिर्फ नाच-गाना होता था। लेकिन तब इसे कला की दृष्टि से देखा जाता था पर समय बीता और कला की जगह इस अभिशाप ने ली। भारत के कई जगहों पर आज भी नवयुवतियां इस अभिशाप का कहर ढाह रही है. जिसमे से एक है कोलकाता का सोनागाछी।
आज हम आपको देश के एक ऐसे ही वेश्यावृत्ति के बाजार के बारे में बता रहे है, जिसे ना केवल भारत का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया कहा जाता है, बल्कि यह एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया घोषित किया जा चूका है. जी हाँ, और इस जगह का नाम है "सोनागाछी".
12 से 17 साल की उम्र में ये लड़कियां मर्दो के साथ सोना सीख जाती हैं। उन्हें खुश करना सीख जाती हैं, जिसके बदले उन्हें दो डॉलर यानि 124 रुपए मिलते हैं। इन रूपयों के बदले यहां की औरतें तश्तरी का खाना बनकर मर्दों की टेबल पर बिछ जाती हैं।
फिल्म भी बन चुकी है...
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कोलकाता के इस रेडलाइट एरिया को विषय बनाकर एक फिल्म भी बनी है। Born Into Brothels नाम की इस फिल्म को ऑस्कर सम्मान भी मिल चुका है।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कोलकाता के इस रेडलाइट एरिया को विषय बनाकर एक फिल्म भी बनी है। Born Into Brothels नाम की इस फिल्म को ऑस्कर सम्मान भी मिल चुका है।
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