यहाँ मिलती है कॉल गर्ल बनने की ट्रेनिंग

देश में आज भी जहाँ वैश्यावृत्ति को गलत समझ जाता है तो वही वैश्याएँ अंधकार के दलदल में जी रही है. आज हम आपको देश के एक ऐसे ही रेडलाइट एरिया के बारे में बताने जा रहे है. यहाँ है ग्वालियर के हाईवे के किनारे बसा गांव रेशमपुरा. बता दे कि इसे ग्वालियर का रेडलाइट एरिया के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि इस रेडलाइट एरिया की लड़कियों को ट्रेनिंग देकर मुंबई के डांस बार और मिडिल-ईस्ट के देशों में भेजा जाता हैं.
सुनने मे आया है कि आगरा-मुंबई राजमार्ग यानि NH-3 के किनारे दो गांव रेशमपुरा और बदनापुरा हैं. यहां बेड़िया जनजाति के लोग रहते हैं और इनका परंपरागत बिज़नस ही वैश्यावृत्ति है. जबकि आप यहाँ इनके घरो को देखकर इस बात का अंदाज नहीं लगा सकते है कि यहाँ वैश्यावृत्ति का व्यवसाय किया जाता है. कहा जाता है कि जब मुंबई में डांस बार बंद किए गए तो वहां से ये लड़कियां रेशमपुरा पहुँच गई और इसके चलते यहाँ वेश्यावृत्ति को भी बढ़ावा मिला. अब चूँकि ये लड़कियां मुम्बई में रह चुकी थी तो इन्हें कॉल गर्ल कहा जाने लगा. हालाँकि बेड़िया समाज में इसे बुरा नहीं माना जाता है.
यह भी सुनने में आता है कि इन लड़कियों की कमाई से ही इस गांव में रौनक है. गांव की बात करे तो यहाँ बहुत अच्छे मकान बने हैं और हर घर में स्कॉर्पियो और सफारी जैसे एसयूवी हैं. सुनने में यह भी आता है कि केवल ग्वालियर ही नहीं, मुरैना से लेकर शिवपुरी और गुना तक इस बेड़िया समाज की लड़कियां यही काम करती हैं. आज इन्होंने इसे अपना बड़ा बिज़नस बना लिया है और इसे वे अपनी कमाई का बड़ा साधन भी मानने लग गई है

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