जिस तरह सांप अपना केंचुल छोड़ते हैं ठीक उसी प्रकार Lizard का शरीर भी उसकी बाहरी त्वचा के मुकाबले काफी तेजी से बढ़ता है। यही वजह होती है कि छिपकली समय समय पर अपनी त्वचा उतारती रहती है।
छिपकली स्क्वमाटा जीववैज्ञानिक गण के सरीसृपप्राणियों का एक उपगण है। जिसमें अंटार्कटिका के अलावा लगभग विश्व भर के हर बड़े भूभाग में मिलने वाली लगभग ६००० ज्ञात जातियाँ शामिल हैं।
ध्यान दें कि सर्प भी स्क्वमाटा गण के सदस्य होते हैं और छिपकली व सर्प दोनों एक ही पूर्वज के वंशज हैं।लेकिन परिभाषिक रूप से सर्पों को छिपकली नहीं समझा जाता।छोटे-छोटे शल्कों से ढका शरीर सिर-गर्दन, धड़ और पूँछ चार भागों में बँटा होता है। धड़ में चार पैर होते हैं, जिनमें नखयुक्त अंगुलियाँ पाई जाती हैं। धड़ एवं पूँछ के जोड़ के अधरतल पर एक क्लोएका छिद्र होता है।
दुनिया में सबसे ज्यादा प्रजाति छिपकलियों में ही होती है। कोमोडो ड्रैगन जो करीब 10 फीट लम्बी और करीब 140 किलो भारी होती हैं। ये छिपकली इंसानों की मौत का कारण बन जाती हैं क्या आप जानते है छिपकली का दिल 1 मिनट में 1000 बार धड़कता है।
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