नमकीन बेचकर घर चलाती है 88 साल की बुजुर्ग महिला

नई दिल्ली। इस 88 साल की महिला ने अपना परिवार चलाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। लेकिन इसके लिए इन्होंने अपने आत्मसम्मान के साथ कोई समझौता नहीं किया।

वेस्ट बंगाल की रहनी वाली 88 साल की शिला घोष हर शाम सड़कों पर घर में बनाए गए चिप्स बेचती हैं। शिला की बहुत छोटी उम्र में पारंपरिक रूप से शादी हो गयी थी और इसी वजह से वह ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाई।

पति के जॉब की वजह से ये सारा देश घूम पाई लेकिन पति की मौत के बाद हालत बदल गए। शिला अपनी 3 लड़कियों और 1 लड़के को आगे पढ़ाना चाहती थी लेकिन इसी दौरान उनके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। उनकी सबसे बड़ी बेटी की मौत हो गयी और छोटी बेटी की दिमागी हालत भी खराब रहने लगी।

सिर्फ बीच वाली बेटी ही कॉलेज तक पहुंच पाई, लेकिन उसके कान में भी इन्फेक्शन होने की वजह से उसकी पढ़ाई छूट गई। घर के हालात खराब रहने के कारण शिला ने खुद सारी जिम्मेदारी उठाने का फैसला किया। अब 88 साल की हो चुकी शिला सड़कों पर चिप्स बेचकर अपना घर चलाती हैं।

उन्होंने भीख मांगना मंजूर नहीं किया। शिला को उम्मीद थी कि उसका बेटा उसके बुढापे का सहारा बनेगा लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शिला ने अपने बेटे को पढ़ा-लिखाकर रेलवे में जॉब करने लायक बनाया लेकिन1993 में अचानक उनके बेटे को लंग्स की बीमारी हो गई। बेटे के इलाज के लिए शिला ने बैंक से लोन लेना चाहा लेकिन इसके कुछ दिनों बाद ही बेटे की भी मौत हो गई।


शिला भीख नहीं मांगना चाहती थी इसलिए कुछ समय बाद अपने पोते के साथ मोमबत्तियां बेचने लगी। लेकिन इससे कुछ फायदा नहीं हुआ। फिर उनका पोता और वो घर पर बनाए हुए चिप्स बेचने लगे। आज 88 साल की उम्र में शिला पहले से भी ज्यादा बहादुर, स्वतंत्र और अपने परिवार को अच्छे से चला रहीं हैं। उनका पोता अब जॉब करने लगा है। शिला की स्टोरी फोटोज सहित सोशल साइट्स पर शेयर की गई। लोग उनकी बहादुरी को सलाम कर रहे हैं। जब एक बुजुर्ग महिला काम कर घर चला सकती है, तो भीख मांगने वाले लोगों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।

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