
शिकायतकर्ता शोभना शर्मा ने बताया कि आरोपी सुधा बच्चे को गोद लेकर भोपाल लाई थी। उसे शुरुआत से ही बच्चे के काले रंग से दिक्कत थी। उसका काला रंग दूर करने के लिए उसने कई जगह कोशिश की, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई। इसके बाद उसे किसी ने सलाह दी कि बच्चे के बदन पर काला पत्थर रगड़ा जाए तो वह गोरा हो जाएगा। इसके बाद महिला ने बच्चे को काले पत्थर से घिसना शुरू कर दिया। इससे उसके शरीर पर बड़े घाव बन गए।
जब इसकी सूचना पुलिस और चाइल्ड लाइन को मिली तो बच्चे को मुक्त कराया गया और हमीदिया हॉस्पिटल ले जाया गया। अब बच्चे को चाइल्ड वेलफेयर कमीशन के सामने पेश किया जाएगा। शोभना का आरोप है कि नियम के मुताबिक गोद लेने के बाद मातृछाया को बच्चे की हाल-खबर लेते रहना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सुधा को समझाने के बावजूद वह नहीं मानी, इसलिए चाइल्ड लाइन और पुलिस के पास उन्हें जाना पड़ा।
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