
NEW DELHI : अगर आप आईफोन इस्तेमाल करते हैं तो इसकी बैटरी यह बताने का एक अच्छा जरिया है कि यह असली है या नकली. अगर आपका आईफोन चार्ज करने के बाद सिर्फ कुछ ही घंटे तक चलता है तो मन कर चलिए कि आप क्लोन वाला मॉडल इस्तेमाल कर रहे हैं.
आईफोन अगर जरूर से ज्यादा हैंग हो रहा है तो यह चिंता का विषय है क्योंकि असली आईफोन शायद कभी हैंग ही नहीं करता है लेकिन नकली मॉडल में समस्या देखने को मिलती है ऐसे में आपको समझ जाना चाहिए कि यह मॉडल नकली है.
कैमरा से आप किसी भी आईफोन की असलियत जान सकते हैं क्योंकि आईफोन के कैमरा को बेहतरीन माना जाता है और अगर आपके वाले मॉडल से अच्छी क्वालिटी वाली फोटोस नहीं क्लिक हो पा रही हैं तो समझ जाइए कि यह नकली मॉडल है.
रिफ्रेश रेट एक ऐसा तरीका है जिसे चेक करके आप 1 मिनट में जा सकते हैं कि आईफोन का डिस्प्ले असली है या नकली और रिफ्रेश रेट अगर बहुत ज्यादा स्लो हो तो आपको समझ जाना चाहिए कि मॉडल नकली है.
रियर पैनल को चेक करना सबसे जरूरी होता है क्योंकि नकली आईफोन में यह प्लास्टिक का बना रहता है जबकि असली वाले मॉडल में जो बैक पैनल है उसे ग्लास मटीरियल से तैयार किया जाता है जिसे कहीं ज्यादा प्रीमियम नजर आता है.
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