बागमती नदी की पुरानी धारा को जीवित कर इसे बूढ़ी गंडक से जोड़ा जाए : मुख्यमंत्री

बागमती नदी की पुरानी धारा को जीवित कर इसे बूढ़ी गंडक से जोड़ा जाए : मुख्यमंत्री


बागमती नदी की पुरानी धारा को जीवित कर इसे बूढ़ी गंडक से जोड़ा जाए : मुख्यमंत्री


सीतामढ़ी, 13 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार शाम सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के खाप गांव में लखनदेई नदी की पुरानी धार को पुनर्जीवित करने की योजना का निरीक्षण किया। इस मैके पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यथाशीघ्र भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करें। बागमती नदी की पुरानी धारा को जीवित करते हुए इसमें चैनल का निर्माण करें और इसे बूढ़ी गंडक से जोड़ा जाए।मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पुल का निरीक्षण करते हुए स्टेट हाईवे को भी चालू करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों से लखनदेई नदी की उड़ाही और लिंक चैनल निर्माण कार्य की विस्तृत जानकारी ली। लिंक चैनल में पानी को देखकर मुख्यमंत्री काफी प्रसन्न हुये और जिलाधिकारी को तत्काल यह निर्देश दिया कि आज ही नए बने लिंक चैनल को चालू करा दिया जाए।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्रदेश में सिंचित क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में जल संसाधन विभाग द्वारा मृत नदियों को पुनर्जीवित करने पर काम किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत सीतामढ़ी जिले में भी लखनदेई नदी की पुरानी धार को पुनर्जीवित करने का काम किया गया है।

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि लखनदेई नदी की पुरानी धार में सिल्टेशन हो जाने के कारण यह मृतप्राय हो गई थी। लखनदेई नदी की नई धार को पुरानी धार से मिलाने के लिए तीन किलोमीटर नए लिंक चैनल का निर्माण कार्य एवं 18.27 किलोमीटर की पुरानी धार की उड़ाही का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। यह भारत-नेपाल सीमा पर सोनवर्षा प्रखंड के छोटी भरसार से निकलकर सोनवर्षा प्रखंड के दुलारपुर, बथनाहा प्रखंड के पिताम्बरपुर (सोरम नदी के मिलन बिन्दु), सीतामढ़ी एवं रून्नी सैदपुर प्रखंड होते हुए मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में मोहनपुर (बागमती बायां तटबंध के 74.73 किलोमीटर) में बागमती नदी में मिल जाती है।

भारत में पुरानी लखनदेई नदी की कुल लम्बाई 170.00 किलोमीटर है। योजना पूर्ण होने पर कुल 21.27 किलोमीटर चैनल से सीतामढ़ी जिलान्तर्गत सोनवर्षा, बथनाहा, सीतामढ़ी एवं रून्नी सैदपुर प्रखण्डों में कुल 2539.86 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य हो जाएगी।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिवहर जिले के निर्माणाधीन बेलवा डेम प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने बागमती कार्य प्रमंडल के वरीय पदाधिकारियों से इस प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तृत चर्चा की। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि हेड रेगुलेटर एवं तटबंध निर्माण कार्य का उद्देश्य बाढ़ के समय हेड रेगुलेटर से अधिकतम 50,000 क्यूसेक जल प्रवाहित कराकर पुरानी बागमती नदी की धार से बूढ़ी गंडक नदी में प्रवाहित किया जाना है।निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत शिवहर, सीतामढ़ी एवं पूर्वी चंपारण जिले के 4.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को बाढ़ से राहत मिलेगी तथा स्थानीय लोग सिंचाई, मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों से लाभान्वित होंगे और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द

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