
भोपाल : केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने केवड़िया गुजरात में 3 दिवसीय राष्ट्रीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर का शुभारंभ गुरुवार को किया। शिविर में मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को पहले दिन के सत्र में केरल की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. वीणा जार्ज के साथ सत्र के सभापति का दायित्व सौंपा गया।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने मध्यप्रदेश में संचालित स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में नगरीय क्षेत्र में उपलब्ध एडवांस मेडिकल सुविधाएँ सुदूर ग्रामीण अंचल के ग्रामीणों को उपलब्ध कराने का अभिनव प्रयोग किया जा रहा है। हब एण्ड स्पोक मॉडल में जिला अस्पताल को हब और ग्रामीण क्षेत्र के स्वास्थ्य केन्द्र को स्पोक सेंटर बनाया गया है। जिला स्तर के हब सेंटर पर विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहते हैं। स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजों को हब सेंटर पर उपस्थित डॉक्टर टेली-कॉलिंग से उनकी बीमारी के लक्षणों के संबंध में पूछताछ करते हैं और जरूरी जाँच आदि के लिये स्वास्थ्य केन्द्र पर उपस्थित सीएचओ को एडवाइस देते हैं। मरीज की जाँच के बाद विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा मेडिसिन और अन्य एडवाइस दी जाती है, जिसे स्वास्थ्य केन्द्र पर सीएचओ द्वारा मरीज को उपलब्ध कराया जाता है। इससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीज को उपचार के लिये दूर स्थित नगरीय क्षेत्र में नहीं जाना पड़ता। साथ ही जिला अस्पताल की लम्बी-लम्बी लाइनों में खड़े रहने की असुविधा से भी मरीजों को मुक्ति मिली है। हब एण्ड स्पोक मॉडल से ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को अपने निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जिला स्तर के विशेषज्ञ चिकित्सकों की नि:शुल्क सेवाएँ प्राप्त हुई हैं।
मिलावटखोरों के खिलाफ एनएसए लगाने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि मध्यप्रदेश में नागरिकों को शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने के लिये मिलावट से मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जा रही है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग नगरीय प्रशासन और पुलिस विभाग के साथ मिलकर मिलावटखोरों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही कर रहा है। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने मिलावटखोरों को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम में जेल भेजने की कार्यवाही की है। मिलावटखोरों से अब तक 3 करोड़ रूपये से अधिक के अर्थदण्ड की वसूली की जा चुकी है। मिलावट रोकने के लिये खाद्य पदार्थों के नमूनों की जाँच की संख्या को भी बढ़ाया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में बनेंगे 4 कैडर
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि मध्यप्रदेश स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल ऑफिसर, स्पेशलिस्ट, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रबंधन और अस्पताल प्रबंधन कैडर बनाये जायेंगे। मेडिकल ऑफिसर में ग्रेड-2, ग्रेड-1 और प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर होंगे। स्पेशलिस्ट कैडर में से सिविल सर्जन और सीएमएचओ आदि होंगे। सिविल सर्जन स्पेशलिस्ट कैडर से ही बनेंगे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रबंधन में सीएमएचओ, डिप्टी डायरेक्टर, ज्वाइन्ट डायरेक्टर, एडिशनल डायरेक्टर और डायरेक्टर होंगे। अस्पताल प्रबंधन कैडर में 4 प्रकार के कैडर होंगे, जिनमें पहला 50 बिस्तर अथवा उससे अधिक के लिये असिस्टेंट मैनेजर, 100 बिस्तर और उससे अधिक के लिये डिप्टी मैनेजर, 500 बिस्तर अथवा उससे अधिक के लिये मैनेजर और संचालनालय स्तर पर जनरल मैनेजर का कैडर होगा।
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