हिंदी साहित्य को फूहड़ता से बचाना सबसे बड़ी चुनोती : देवेंद्र देव

हिंदी साहित्य को फूहड़ता से बचाना सबसे बड़ी चुनोती : देवेंद्र देव


हिंदी साहित्य को फूहड़ता से बचाना सबसे बड़ी चुनोती : देवेंद्र देव


हिंदी साहित्य को फूहड़ता से बचाना सबसे बड़ी चुनोती : देवेंद्र देव


-‘कविता अविराम-1’ का लोकार्पण समारोह एवं कविता सम्मेलन आयोजित

-दिल्ली-एनसीआर के 60 से अधिक रचनाकार सम्मानित

गाजियाबाद, 23 मई (हि.स.)। देवप्रभा प्रकाशन के तत्वावधान में आयोजित साझा काव्य-संग्रह ‘कविता अविराम-1’ के लोकार्पण, सम्मान समारोह एवं कविता सम्मेलन में दिल्ली-एनसीआर के 60 से अधिक स्थापित और नवोदित रचनाकारों को ‘देवप्रभा साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया गया। कविता सम्मेलन में सभी ने काव्य पाठ भी किया। कार्यक्रम मोहन नगर स्थित आईटीएस कॉलेज में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख समाजसेवी सीएल बरेजा ने कहा कि साहित्य समाज का आइना होता है। जैसा रचनाकार लिखेगा वैसा ही समाज में दिखाई देगा। इसलिए साहित्यकार समय की मांग के अनुरूप लेखन करें। चुटकुलों को कविता का अंग न बनने दें।

अखिल भारतीय साहित्य परिषद मेरठ प्रांत के अध्यक्ष देवेन्द्र देव मिर्जापुरी ने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती हिन्दी साहित्य को फूहड़ता से बचाने की है। अच्छा साहित्य सदैव समाज का सही दिशा-निर्देशन करता है। विशिष्ट अतिथि मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका डॉ अलका अग्रवाल, अखिल भारतीय साहित्य परिषद उत्तर प्रदेश के सचिव अरविन्द भाटी और प्रख्यात कवयित्री डॉ तारा गुप्ता ने कहा कि कविता समाज की आत्मा होती है। इसे सजग रचनाकार हमेशा सदैव स्वच्छता प्रदान करता है। सम्मानित होने वाले रचनाकारों में भावना तिवारी, ममता लड़ीवाल, मयंक राजेश, शोभा सचान, जगदीश मीणा, कौशल्या कादियान, गीता माहेश्वरी, डॉ. पूजा सिंह गंगानिया, अर्चना फौजदार, संजीता घोष, श्वेता बाहेती तायल, नीरजा चतुर्वेदी, मंजुला रॉय, उदय रस्तोगी, अनुभव शर्मा, गरिमा आर्य, विशाल जैन, रानेश चांदना, डॉ. मधुबाला श्रीवास्तव, रजनीश गायल, यश जैन, डॉ. सतीश वर्द्धन, डॉ. ज्योति उपाध्याय, सीमा सागर शर्मा, नागेन्द्र सिसोदिया, अनिरुद्ध वशिष्ठ, अंकुर सक्सेना, बीएल बत्रा अमित्र, पूनम सागर आदि थे। सभी को देवप्रभा साहित्य सम्मान पत्र, पटका, फूलमाला से सम्मानित किया गया।

इस दौरान ‘कविता-अविराम-1’ और रजनीश गोयल लिखित ‘एहसास चांद के’ काव्य संग्रह का लोकार्पण भी अतिथियों ने किया। समारोह में संगीता आनंद, पूनम चोपड़ा, अशोक चोपड़ा, सुषमा चांदना आदि मौजूद रहे। सफल संचालन नीरजा चतुर्वेदी ने किया। देवप्रभा प्रकाशन के संस्थापक डॉ. चेतन आनंद ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि जल्द ही कविता अविराम-2, 3 और 4 साझा काव्य-संग्रहों के लोकार्पण समारोह और कविता सम्मेलन आयोजित होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/फरमान

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