बुरहानपुर: फर्जी फर्मे, फर्जी बिल और हो गया लाखों का भुगतान!

बुरहानपुर: फर्जी फर्मे, फर्जी बिल और हो गया लाखों का भुगतान!


बुरहानपुर: फर्जी फर्मे, फर्जी बिल और हो गया लाखों का भुगतान!


- जिला अस्पताल के कबाड़ कांड के बाद खुलने लगे कईं राज

बुरहानपुर, 21 अप्रैल (हि.स.)। पिछले दिनों जिला अस्पताल का नया और पुराना सामान कबाड़े में बेचने का मामला सामने आया था। स्वास्थ्य विभाग की ओर से तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. शकील अहमद और तत्कालीन आरएमओ डॉ. प्रतीक नवलखे के खिलाफ लालबाग थाने में केस दर्ज कराया था। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने कुछ दिन बाद ही जिला अस्पताल की जांच डिप्टी कलेक्टर दीपक सिंह चौहान को सौंपी। बताया जा रहा है कि जांच में कईं खुलासे हो सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार जिला अस्पताल के कबाड़ कांड में कईं सफेदपोश और अफसर शामिल हैं। कुछ लोगों ने फर्जी फर्मे बनाकर फर्जी बिल लगा लाखों का भुगतान जिला अस्पताल से प्राप्त किया है। कईं फर्जी बिल रोगी कल्याण समिति में भी लगाए गए। जिसकी जांच होना अभी बाकी है।

डिप्टी कलेक्टर ने जांच कर जब्त किया था रिकार्ड

पिछले दिनों डिप्टी कलेक्टर व जांच अधिकारी दीपक सिंह चौहान ने जिला अस्पताल पहुँचकर अस्पताल का रिकार्ड चेक किया था। साथ ही कुछ दस्तावेज अपने साथ भी ले गए थे। बताया जा रहा है कि अस्पताल से सिविल सर्जन और आएमओ के माध्यम से करोड़ों की राशि का भुगतान किया गया है। भुगतान का अधिकांश काम आरएमओ द्वारा किया जाता था। जिसमें कुछ फर्जी फर्मों के नाम भी सामने आए हैं, हालाँकि अफसर फिलहाल कुछ भी खुलकर बताने को तैयार नहीं हैं। परंतु यह बात तो तय है कि करोड़ों के बिल निकले हैं जिनका रिकार्ड जांचना अभी बाकी है।

कोविड-19 के समय में भी हुआ खेल

बताया जा रहा है कि कोविड-19 के समय में भी जिला अस्पताल से लाखों रूपए की राशि का भुगतान हुआ है। यह पैसा किसे और कब दिया गया। जिन फर्मों को भुगतान किया गया वह वास्तविकता में है भी या नहीं कि फर्जी बिल लगाकर अफसरों ने शासन को चूना लगाने का प्रयास किया है। यह जांच का विषय है, लेकिन यह बात तो तय है कि इसमें कुछ अफसरों और सफेदपोशों की भी भूमिका शंका के दायरे में आ गई है। कुछ के नाम सामने आने की, उन्हें पता चलने पर अब वह अफसरों के हाथ पैर जोड़ने के लिए भागदौड़ कर रहे हैं तो कुछ बाजार में खुद को अच्छा दिखाने के लिए अलग अलग प्रकार के दिखावे कर रहे हैं।

कबाड़ा बिकवाने में सहयोगी भी रहे

बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल का कबाड़ा बिकवाने में कुछ लोगों ने सिविल सर्जन और आरएमओ की मदद की थी। हालांकि यह नाम अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अब उन सहयोगियों के पैर के नीचे से जमीन सरक गई है, क्योंकि जिला अस्पताल का जो कबाड़ बेचा गया था उसमें केवल पुरानी सामग्री ही नहीं थी, बल्कि कुछ नई सामग्री को भी औने पौने दाम पर कबाड़ दुकान तक पहुंचाने में कुछ बिचौलियों ने मदद की थी।

इनका कहना

बैंकों से भी निकाले जा रहे स्टेटमेंट

- इस मामले में जांच जारी है। कुछ दस्तावेज जिसकी आवश्यकता थी उसे अस्पताल से लिया गया था। बैंकों से भी पत्राचार कर स्टेटमेंट निकाले जा रहे हैं। फर्जी बिल लगे हैं या नहीं यह जांच के बाद ही स्पष्ट होगा। जिन लोगों के भी नाम सामने आएंगे उन्हें बुलाकर बयान दर्ज किए जाएंगे। एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट कलेक्टर को प्रस्तुत कर देंगे।

-दीपकसिंह चौहान, डिप्टी कलेक्टर बुरहानपुर व जांच अधिकारी

हिन्दुस्थान समाचार/निलेश जूनागढ़े

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