चित्र भारती फिल्मोत्सव शाश्वत सत्य और जन-साधारण की समस्याओं के समाधान का मंच : मंत्री ठाकुर

चित्र भारती फिल्मोत्सव शाश्वत सत्य और जन-साधारण की समस्याओं के समाधान का मंच : मंत्री ठाकुर

भोपाल : संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री  ऊषा ठाकुर ने कहा है कि चित्र भारती फिल्मोत्सव शाश्वत सत्य और जन-साधारण की समस्याओं के समाधान का मंच बनके उभरा है। फिल्म समाज को दिशा देने का सशक्त माध्यम है। मंत्री  ठाकुर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, बिसनखेडी में चित्र भारती फिल्म उत्सव के चतुर्थ संस्करण के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थी।  ठाकुर ने कहा कि हम सभी को अपने घर में मुख्य स्थान पर क्रांतिकारियों का चित्र लगाने चाहिए। रोज उस चित्र को देखने से हमारा चित्त भी राष्ट्रप्रेम से भर उठेगा। हमारे चित्त की वृत्ति वैसी बनेगी। उन्होंने कहा कि द कश्मीर फाइल्स जैसी फ़िल्म देखकर भूल नहीं जाना, बल्कि सजग सिपाही बनना और ध्यान रखना कि आसपास इस तरह की घटना दोबारा न होने पाए। 

सुप्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता अक्षय कुमार, फिल्म निर्देशक  विवेक रंजन अग्निहोत्री, आयोजन समिति के अध्यक्ष  दिलीप सूर्यवंशी, भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो. बी.के. कुठियाला, पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर फ़िल्म पर केंद्रित दो विशेषांकों एवं मध्यप्रदेश के फ़िल्म कलाकारों पर केंद्रित डायरेक्टरी का विमोचन भी किया गया। 

अभिनेता  अक्षय कुमार ने कहा कि देश ने 70 साल तक एक ऐसे प्रधानमंत्री का इंतजार किया जो यह बता सके कि हर घर में शौचालय हो। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान से ही इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में जागरूकता आयी है। उन्होंने कहा कि सिनेमा मनोरंजन का माध्यम है लेकिन उसका उद्देश्य सिर्फ मनोरंजन हो, ऐसा नहीं है। कुछ फिल्में सच बयान करती हैं और सामाजिक संदेश भी देती हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपनी उन फिल्मों का उल्लेख किया जो सामाजिक मुद्दों पर बनी हैं। उन्होंने कहा कि  विवेक अग्निहोत्री की फ़िल्म 'द कश्मीर फाइल्स' ने देश को झकझोर दिया है।  अक्षय कुमार ने कहा कि फ़िल्म निर्माता अपनी फिल्मों के माध्यम से ऐसी कहानी लेकर आएँ जो देश निर्माण में सहयोगी बनें। चित्र भारती के माध्यम से यह विचार देश के कोने-कोने में पहुँचे। असफलताएँ हमारे जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन असफलताओं के आगे हमें अपनी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। 

फ़िल्म निर्देशक  विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि चित्र भारती सिनेमा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। राष्ट्रीय विचार को बढ़ाने के इस अभियान को गति देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर अब तक बहुत फिल्में बनाई गईं, लेकिन किसी ने वास्तविकता को नहीं दिखाया। अब समय आ गया है कि फिल्मों के माध्यम से भारत के विमर्श को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल में आने वाले युवा फ़िल्म निर्माता यह कर सकते हैं। 

अग्निहोत्री ने अगले 5 साल तक 51-51 हजार रुपये वार्षिक स्कॉलरशिप देने की घोषणा की। भारतीय साहित्य, सभ्यता और सिनेमा पर काम करने के लिए तीन छात्राओं को यह छात्रवृत्ति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वे नरसंहार पर केंद्रित संग्रहालय भी बनाएंगे। 

भारतीय चित्र साधना के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला ने बताया कि  चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल के पाँच श्रेणियों में प्रत्येक विजेताओं को पुरस्कार में अक्षय कुमार की तरफ से एक-एक लाख रुपये अतिरिक्त दिया जाएगा। सिनेमा में भारतीय मूल्यों को प्राथमिकता मिले, ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास चित्र भारती फ़िल्म उत्सव के माध्यम से किया जा रहा है।

स्वागत भाषण पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने दिया। समारोह का शुभारंभ संस्कृत बैंड 'ध्रुवा' और नर्मदाष्टकम पर नृत्य प्रस्तुति के साथ किया गया। संचालन  विनय उपाध्याय ने किया और आयोजन समिति के सचिव  अमिताभ सोनी ने आभार माना।

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