द कश्मीर फाइल्स के बाद अब दिल्ली फाइल्स या भारत फाइल्स : विवेक अग्निहोत्री

द कश्मीर फाइल्स के बाद अब दिल्ली फाइल्स या भारत फाइल्स : विवेक अग्निहोत्री

भोपाल : चित्र भारती फ़िल्म उत्सव के पहले दिन दो मास्टर क्लास का आयोजन किया गया। निर्देशन एवं साउंड डिजाइन पर पहली मास्टर क्लास को निर्देशक  टीएस नागभरण एवं  सुभाष साहू ने और पटकथा लेखन पर मास्टर क्लास को फ़िल्म निर्देशक  विवेक अग्निहोत्री ने संबोधित किया। 

सिनेमा आज हमारे जीवन का अभिन्न अंगः  नागभरण

प्रख्यात कन्नड फिल्म निर्देशक  टी. एस. नागभरण ने कहा ये आज का सिनेमा फाल्के के समय की सिनेमा की दुनिया से बिलकुल अलग है। आज इस बात कि बहुत जरूरत है कि हम सिनेमा को पुनः परिभाषित करें। यह मेरा अनुभव है कि सिनेमा मूलतः शिक्षा है। आज का युवा वर्ग मीडिया से परिचालित है। आज का सिनेमा हमारे घर और हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। यह सार्वभौमिक भाषा बोलने वाला माध्यम है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा हमेशा से जीवंत, विविधता से भरा और अपनी विशिष्ट पहचान की ताकत से पूर्ण रहा है। यही सिनेमा भारतीय सिनेमा का हृदय, आत्मा और भविष्य है। उन्होंने विद्यार्थियों से शिक्षण, प्रशिक्षण, कुशलता तथा रियाज करने पर जोर दिया।  

साउंड डिजाइन में सृजनात्मकता का है बहुत महत्व : साहू

प्रख्यात साउंड डिजाइनर  सुभाष साहू ने कहा कि सिनेमा कला से भी ज्यादा फलक वाला दृश्य माध्यम है। साउंड डिजाइन में सृजनात्मकता का बहुत महत्व है, क्योंकि यहाँ पुनः सृजन के साथ चुनना, छाँटना और मिश्रण करना पड़ता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ध्वनि हमारी चित्तवृत्तियो को प्रभावित करता है साथ ही हमारे अंतर्मन की भी रचना करता है। मास्टर क्लास का संयोजन कर रहे फ़िल्म निर्माता  आकाशादित्य लामा ने अपील की कि बालीवुड के बदले भारतीय सिनेमा शब्द का प्रयोग किया जाना चाहिए। 

द कश्मीर फाइल्स के बाद अब दिल्ली फाइल्स या भारत फाइल्स : विवेक अग्निहोत्री

पटकथा लेखन पर मास्टर क्लास में प्रख्यात फिल्म निर्देशक  विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की पटकथा के सूक्ष्म बिंदुओं को समझाते हुए छात्रों से सिनेमा से जुड़ी बातें भी साझा की। उन्होंने कहा कि 'द दिल्ली फाइल्स या भारत फाइल्स' के नाम की उनकी अगली फिल्म आने वाली हैं। अग्निहोत्री ने द कश्मीर फाइल्स को लेकर कहा कि यह फिल्म कश्मीर में हुए नरसंहार में मारे गए लोगों श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है। मास्टर क्लास का संचालन वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय ने किया।


 

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