इंदौर मॉडल शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त करने अन्य शहरों के लिए बनेगा प्रेरणा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भोपाल :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त करने का इंदौर मॉडल अन्य शहरों के लिए प्रेरणा बनेगा। इंदौर के देवगुराड़िया क्षेत्र में कभी कूड़े के पहाड़ थे, अब वहाँ 100 एकड़ की डंप साइट ग्रीन जोन में परिवर्तित हो गई है। इंदौर में गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट बनने से वेस्ट-टू-वेल्थ तथा सर्कुलर इकोनामी की परिकल्पना साकार हुई है। इससे भारत के स्वच्छता अभियान भाग-2 को नई ताकत मिलेगी, जिसके अंतर्गत आने वाले 2 वर्षों में देश के सभी शहरों को कूड़े के पहाड़ों से मुक्त कर ग्रीन जोन बना दिया जाएगा। इंदौर शहर ने वाटर प्लस की भी उपलब्धि हासिल की है, अब यह शहर देश के अन्य शहरों को इस क्षेत्र में भी प्रेरणा देगा। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी टीम ने बड़ा काम कर दिखाया है।

प्रधानमंत्री मोदी आज दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से इंदौर में गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट का लोकार्पण कर रहे थे। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, केंद्रीय, सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार, आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर, राज्य शासन के मंत्री, सांसद, विधायक सहित जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंदौर की बहनों ने कूड़ा प्रबंधन का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कूड़े को 6 हिस्सों में अलग-अलग बाँट कर उसका निस्तारण किया है। यह री-साइकिलिंग संस्कार, देश की बड़ी सेवा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इंदौर के सफाईकर्मियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना के मुश्किल समय में उनकी सेवा सराहनीय है। मैं दिल्ली से इंदौर के सफाईकर्मियों को प्रणाम एवं नमन करता हूँ।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंदौर की जनता ने देवी अहिल्या की प्रेरणा को खोने नहीं दिया है। आज भी देवी अहिल्या के बताए मार्ग पर चलकर इंदौर प्रगति कर रहा है। वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर में देवी अहिल्या की भव्य प्रतिमा हमें उनके अमूल्य योगदान की याद दिलाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंदौर के विकास में पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन “ताई” का योगदान सराहनीय है। उन्होंने इंदौर को नई ऊँचाई दी है। वर्तमान सांसद शंकर लालवानी भी उन्हीं के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आने वाले 2 वर्षों में देश के 75 बड़े नगरीय निकायों में इस प्रकार के गोबर-धन बायो सीएनजी प्लांट बनाने पर काम किया जा रहा है। यह अभियान भारत के शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने, क्लीन एनर्जी की दिशा में बहुत मदद करेगा। अब तो शहरों में ही नहीं बल्कि देश के गाँव में भी हजारों की संख्या में गोबर-धन बायोगैस प्लांट लगाए जा रहे हैं। इनसे हमारे पशुपालकों को गोबर से भी अतिरिक्त आय मिलनी शुरू हुई है। हमारे गाँव देहात में किसानों को बेसहारा जानवरों से जो दिक्कत होती है, वह भी इस तरह के गोबर-धन प्लांट होने से कम हो जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इंदौर के प्लांट से सीएनजी तो मिलेगी ही इसके अलावा 100 टन जैविक खाद भी यहाँ से रोजाना निकलेगा। सीएनजी से प्रदूषण कम होगा और हर व्यक्ति को जीवन जीने में उसकी सुविधा बढ़ेगी। इससे इंदौर शहर में हर रोज करीब-करीब 400 बसें चलाई जा सकेंगी। इस प्लांट से सैकड़ों युवाओं को किसी न किसी रूप में रोजगार भी मिलने वाला है। यानी यह ग्रीन जॉब्स को बढ़ाने में भी मददगार होगा। प्लांट से जो जैविक खाद बनेगी उससे हमारी धरती माँ को भी नया जीवन मिलेगा। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी चुनौती से निपटने के 2 तरीके होते हैं, पहला तरीका है कि उस चुनौती का तत्कालीन समाधान कर दिया जाए। दूसरा तरीका यह होता है कि उस चुनौती से ऐसे निपटा जाए कि सभी को स्थाई समाधान मिले। बीते 7 वर्षों में हमारी सरकार ने जो योजनाएं बनाई हैं, वह योजनाएँ स्थाई समाधान देने वाली हैं और एक साथ कई लक्ष्य को साधने वाली होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान को ही लीजिए, इससे स्वच्छता के साथ महिलाओं की गरिमा, बीमारियों से बचाव, गाँव-शहरों को सुंदर बनाने, रोजगार के अवसर तैयार करने जैसे अनेक काम एक साथ हुए हैं। अब हमारा फोकस घर से और गली से निकले कचरे के निस्तारण का है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देशभर के शहरों में लाखों टन कूड़ा ऐसे ही हजारों एकड़ जमीन को घेरे हुए हैं। ये शहरों के लिए वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की भी बड़ी वजह है। इसलिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस समस्या से निपटने के लिए काम किया जा रहा है। आने वाले 2 या 3 वर्षों में कूड़े के इन पहाड़ों से हमारे शहरों को मुक्ति मिल सके, उन्हें ग्रीन जोन में बदला जा सके, इसके लिए राज्य सरकारों को हर संभव मदद दी जा रही है। यह भी अच्छी बात है कि इस साल 2014 की तुलना में अब देश में शहरी कूड़े के निस्तारण की क्षमता 4 गुना तक बढ़ चुकी है। देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने के लिए 1600 से अधिक निकायों में मटेरियल रिकवरी पेसिफिक फेसिलिटी भी तैयार की जा रही है। इस तरह की आधुनिक व्यवस्थाएँ भारत के शहरों में सर्कुलर इकोनामी को भी एक नई शक्ति दे रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छता से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा इससे नई अर्थ-व्यवस्था जन्म लेगी। इंदौर ने यह सब कर दिखाया है। आज भी देश-विदेश से लोग यह देखने आते हैं कि इंदौर में स्वच्छता एवं सफाई के लिए कैसे कार्य हुआ है। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोयले के कारखानों में पराली के उपयोग से किसानों को अतिरिक्त आय होगी। भारत में सौर ऊर्जा को भी अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा के उत्पादन में भारत विश्व के प्रथम पाँच देशों में शामिल हो गया है। अब किसान भी सौर ऊर्जा बनाएंगे। किसान अन्नदाता के साथ ऊर्जा दाता भी बनेंगे। तकनीकी, नवाचार एवं परिश्रम से हम ग्रीन एवं क्लीन फ्यूचर सुनिश्चित करेंगे।

“सर्कुलर इकोनामी” तथा “वेस्ट टू वेल्थ” के सिद्धांतों के अनुरूप है इंदौर का प्लांट -केंद्रीय मंत्री पुरी

केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि “आज से चार वर्ष पहले जब मैं इंदौर में एक कॉन्फ्रेंस के लिए आया था तब जापान से शामिल हुए मंत्री से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि इंदौर शहर में उन्होंने बहुत कुछ देखा पर कचरा नहीं देखा। इंदौर भारत का सबसे स्वच्छ शहर है इसमें कोई दो राय नहीं है। लगातार 5 वर्षों से स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम आकर इंदौर ने देश में कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि इंदौर देश का पहला शहर था, जिसे वाटर प्लस स्टेटस प्रमाणित किया गया। इंदौर की शानदार सफलता का श्रेय प्रदेश की सरकार को जाता है। प्रदेश के अन्य शहर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, देवास, सिंगरोली, बुरहानपुर और राजगढ़ ने भी स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा वेस्ट-टू-वेल्थ के सिद्धांत पर जोर दिया जाता रहा है, इसलिए इंदौर का यह बायो सीएनजी प्लांट हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इंदौर गार्बेज मुक्त शहर और सस्टेनेबल विकास की दिशा में एक नई मिसाल कायम करने जा रहा है।

मुख्यमंत्री चौहान ने इंदौर की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं का किया उल्लेख

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के अपनी तरह के अनोखे गोबर धन सीएनजी संयंत्र के लोकार्पण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी सहित सभी वर्चुअली और एक्चुअली उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रेरणा से इंदौर ने ‘वेस्ट-टू-वेल्थ’ के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया है। हमें गर्व है कि गीले कचरे से सीएनजी बनाने वाले इस एशिया के सबसे बड़े गोबर-धन प्लांट का आज प्रधानमंत्री जी वर्चुअल लोकार्पण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता और पर्यावरण से जुड़े विषयों पर पूरी दुनिया को दिशा दी है। प्रधानमंत्री जी के लिए विश्व के अन्य देशों के प्रमुख वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड और वन नरेन्द्र मोदी जैसी प्रशंसनीय उक्ति का प्रयोग करते हैं।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे संसार के कल्याण की बात को ग्लोबल गुड, पी-3 एप्रोच, मिशन लाइफ, वेस्ट-टू-वेल्थ और पंचामृत के माध्यम से सामने रखा है।

प्रधानमंत्री जी के इस पर्यावरण हितैषी मंत्र और संकल्प को पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश ने अमल प्रारंभ किया है। मध्यप्रदेश उनके इस मंत्र को धरती पर उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव भारत की प्रगति के लिए केवल अमृत महोत्सव नहीं बल्कि स्वर्ण काल है। मध्यप्रदेश स्वच्छता और पर्यावरण के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर दिखाएगा।

इंदौर के प्रयास सबसे अलग

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इंदौर देश का पहला वॉटर प्लस शहर है। यहाँ डस्ट फ्री शहर, इंदौर बिन फ्री के साथ जीरो वेस्ट कॉलोनी, जीरो वेस्ट इवेंट, जीरो वेस्ट मार्केट और जीरो वेस्ट वार्ड विकसित किए जा रहे हैं। इंदौर शहर के 21 बाजार जीरो वेस्ट मार्केट घोषित हुए हैं, जहाँ सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि इंदौर में झोलाधारी इंदौरी अभियान का आगाज भी किया गया है। उन्होंने कहा कि इंदौर नगरीय क्षेत्र की स्लम बस्तियों को ग्रीन स्लम के रूप में विकसित करने का कार्य लगातार किया जा रहा है। सरस्वती एवं कान्ह रिवर लाइफ लाइन प्रोजेक्ट नदियों के पुनर्जीवन के आंदोलन का प्रतीक है। इंदौर शहर के पुराने कचरे के पहाड़ों को वैज्ञानिक पद्धति से समाप्त किया गया है। भोपाल सहित अन्य शहरों में भी ऐसे प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पंचामृत का मंत्र दिया है। इस मंत्र के अनुरूप मध्यप्रदेश में सोलर एनर्जी और बायोमास के उपयोग को भी आंदोलन का स्वरूप दिया जा रहा है। 

पशुपालकों और किसानों से खरीदेंगे गोबर

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह प्लांट इंदौर के आसपास के ग्राम से पशुपालकों और किसानों से गोबर और अन्य कचरे को क्रय कर धन बनाने वाला संयंत्र होगा। अनेक परिवारों को इस प्लांट से स्थायी रोजगार मिल रहा है। कचरे के साथ गोबर का उपयोग बैक्टीरिया डेवलप करने की प्रोसेसिंग में किया जाएगा। इंदौर में बाजार मूल्य से 5 रूपए प्रति किलो कम कीमत पर सिटी बसों के लिए सीएनजी की उपलब्धता होगी। प्लांट में शुरूआती दौर में 21 प्रतिशत और अगले तीन वर्ष में शत-प्रतिशत सौर ऊर्जा का उपयोग होगा। इंदौर शहर को कार्बन क्रेडिट का लाभ मिलेगा। साथ ही इस प्लांट से आगामी 20 वर्ष तक इंदौर नगर निगम को प्रति वर्ष 2 करोड़ 52 लाख प्रीमियम मिलता रहेगा।

अंकुर अभियान, वृक्षारोपण और जन-भागीदारी

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने बिजली बचाने को बिजली बनाने के बराबर बताया है। इसलिए मध्यप्रदेश ऊर्जा साक्षरता अभियान चलाकर बिजली बचाने के काम में भी लगा हुआ है। स्वच्छता अभियान हमारा शहर और गाँव में भी चल ही रहा है, लेकिन एक और अभियान अंकुर अभियान पर्यावरण को बचाने के लिए संचालित किया जा रहा है। मैं भी रोज एक पौधा लगाता हूँ, लेकिन अब लगभग 6 लाख लोग ऐसे हो गए हैं, जो  हर विशेष प्रसंग पर एक पौधा लगाकर पर्यावरण बेहतर करने का प्रयास करते हैं। प्रधानमंत्री जी के संकल्पों को जमीन पर उतारने में मध्यप्रदेश कोई कसर नहीं छोडेगा। आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने के लिए हम कृत संकल्पित है। मध्यप्रदेश की जनता जन-भागीदारी के माध्यम से भी बहुत बेहतर काम कर रही है और इंदौर इसका बहुत अच्छा उदाहरण है।

कचरा मुक्त शहर बनाने के समग्र दृष्टिकोण की पूर्ति करेगा प्लांट – मंत्री डॉ. मिश्रा

गृह मंत्री एवं इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशन में कोरोना काल की विपरीत परिस्थिति में भी मध्यप्रदेश निरंतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपनों और संकल्पों को पूरा करने की कोशिश करता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता मिशन की शुरुआत कर स्वच्छ देश के निर्माण के लिए एक नई लहर शुरू की है। उन्होंने कहा कि कचरा मुक्त शहर बनाने के समग्र दृष्टिकोण तथा वेस्ट-टू-वेल्थ के सिद्धांत के अन्तर्गत स्थापित इंदौर का यह बायो सीएनजी प्लांट प्रदेश के विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के लिये एक महत्वपूर्ण घटक सिद्ध होगा।

प्लांट पर्यावरण संरक्षण की बुनियाद में मील का नया पत्थर – मंत्री सिलावट

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि इंदौर की स्वच्छता का डंका पूरे राष्ट्र में बजा है। स्वच्छता का जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया था उसे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में इंदौर ने पूरा कर दिखाया है। इंदौर में निर्मित एशिया का सबसे बड़ा गोबर धन प्लांट आज देश एवं प्रदेश के लिए पर्यावरण संरक्षण के सफर में मील का नया पत्थर सिद्ध होगा।

शहरी स्वच्छता को नया आयाम मिलेगा – राज्य मंत्री भदौरिया

शहरी विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि आज ऐतिहासिक दिवस है। प्रधान मंत्री मोदी के वेस्ट-टू-वेल्थ के संकल्प को साकार करने का अभिनव प्रयास आज इंदौर करने जा रहा है। इस बायो सीएनजी प्लांट के लोकार्पण से देश में शहरी स्वच्छता को नया आयाम मिलेगा।

प्रदूषण स्तर में कमी के साथ ही वायु गुणवत्ता में भी सुधार होगा – लालवानी

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता के आह्वान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में इंदौर के जन-प्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वच्छता मित्रों एवं शहर की जनता ने लगातार पाँच बार स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान हासिल किया है। इंदौर में आज लोकार्पित एशिया का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट न केवल प्रदूषण के स्तर को कम करेगा, बल्कि वायु गुणवत्ता में भी सुधार लाएगा।

प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेशनल इन्वेस्टमेंट एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड सुजॉय घोष एवं व्यापार आयुक्त दक्षिण एशिया एलन जम्मेल ने गोवर्धन प्लांट की तकनीकी जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से मंत्रीगण, सांसद, विधायक, अन्य जन-प्रतिनिधि सहित नागरिक शामिल हुए।

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