
दीपावली का पर्व 04 नवंबर को कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाएगा। श्री हरि ज्योतिष संस्थान,मुरादाबाद के ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया दीपावली के दिन ऋद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के पूजन का विधान है। इसके साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर, मां सरस्वती और मां काली का भी पूजन किया जाता है।
इसके साथ ही दीपावली के दिन मां लक्ष्मी के लक्ष्मी सुक्तम ,श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए। इनके साथ ही धन कुबेर और मां सरस्वती का पूजन भी इसी विधि से करें। मां काली का पूजन अद्धरात्रि में करने का विधान है। सभी देवी-देवताओं के पूजन के बाद हवन करना चाहिए। गणेश लक्ष्मी को खील-बताशे, नैवेद्य, पान-सुपारी,फल, पंचामृत का भोग लगाएं। पूजन का अतं लक्ष्मी-गणेशी की आरती गा कर करना चाहिए। पूजा से उठकर पूरे घर में दिये जलाए जाते हैं और पूजन का प्रसाद सब में बांटे
दीपावली 4 नवंबर के दिन एवं रात्रि के शुभ मुहूर्त
दिवाली के शुभ मुहूर्त
दिवाली पर मां लक्ष्मी का पूजन विशेष मुहूर्त में किया जाना चाहिए. विशेष मुहूर्त में पूजन से संपूर्ण फल प्राप्त होता है. दिवाली के दिन व्यापारिक संस्थानों द्वारा स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी का पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है. घरों में गोधुली बेला में मां लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए. गोधुली बेला में वृषभ लग्न के दौरान घरों में किया गया मां लक्ष्मी का पूजन सर्वश्रेष्ठ होता है.
गोधूलि वेला शाम 5.50 – 08.26
ऑफिस दुकान प्रतिष्ठान पूजन का शुभ मुहूर्त
सुबह 11:20 से दोपहर 12:35 तक
दोपहर 1:54 से 3:24वृष लग्न
घरों में दीपावली पूजन के शुभ मुहूर्त
18:06 बजे 20:02 बजे तक मीन लग्न व प्रदोष वेला
रात्रि 12: 35 बजे से 2:53 बजे तक सिंह लग्न निशीथ काल (मंत्र सिद्धि करने के लिए विशेष पूजन का मुहूर्त)
3दिवाली पूजन सामग्री : लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा, सरस्वती जी की प्रतिमा, कमल व गुलाब के फूल, पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, मिठाई, फूल, दूध, गंगाजल, इत्र, खील, बताशे, मेवे, शहद, दही, दीपक, रुई , कलावा, पानी वाला जटाधारी नारियल, तांबे का कलश, स्टील या चांदी का कलश, चांदी का सिक्का, आटा, तेल, लौंग, लाल या पीला कपड़ा, घी, चौकी और एक थाली। 4दिवाली के दिन गृहस्थों के लिए प्रदोष काल में संध्या के समय स्थिर लग्न में पूजन करना उत्तम माना गया है।
तंत्र विद्या से माता लक्ष्मी की पूजा करने वालों के लिए मध्य रात्रि का समय उत्तम कहा गया है।
दिवाली वाले दिन भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, सरस्वती, कुबेर, श्री हरि और राम दरबार की पूजा की जाती है।
इस दिन घी और तेल के दीपक जलाएं जाते हैं।
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